Gorakhpur: गोरखपुर में प्रशासनिक फेरबदल, डीएम ने बदले एसडीएम के कार्यक्षेत्र

जिलाधिकारी (डीएम) कृष्णा करुणेश ने जिले के प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए तहसीलों में तैनात उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) के कार्यक्षेत्र में व्यापक फेरबदल किया है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 3 July 2025, 1:58 PM IST
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Gorakhpur: जिलाधिकारी (डीएम) कृष्णा करुणेश ने जिले के प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए तहसीलों में तैनात उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) के कार्यक्षेत्र में व्यापक फेरबदल किया है। इस बदलाव के तहत कई अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदली गई हैं, जिसका असर जिले की प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर देखने को मिल सकता है। यह आदेश 2 जुलाई 2025 से तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

क्या है नया बदलाव?

डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, नए आदेश में एसडीएम सहजनवां दीपक गुप्ता को अब एसडीएम सदर की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि केसरी नंदन तिवारी को एसडीएम सहजनवां बनाया गया है। इसके अलावा, अन्य उप जिलाधिकारियों और अपर नगर मजिस्ट्रेटों के दायित्वों में भी बदलाव किया गया है। नीचे दी गई तालिका में नए परिवर्तनों का विवरण दिया गया है

अधिकारी वर्तमान तैनातीनवीन तैनाती

दीपक गुप्ताउप जिलाधिकारी सहजनवांउप जिलाधिकारी सदर

केसरी नंदन तिवारीअपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथमउप जिलाधिकारी सहजनवां

राजू कुमार उप जिलाधिकारी (न्यायिक) बांसगांव/सहजनवांअपर नगर मजिस्ट्रेट-द्वितीय

प्रशांत वर्माअपर उप जिलाधिकारी सदरअपर उप जिलाधिकारी सदर (यथावत)
आरती साहू उप जिलाधिकारी (न्यायिक) चौरीचौराअपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम
सुदीप कुमारअपर नगर मजिस्ट्रेट-द्वितीयउप जिलाधिकारी (न्यायिक) चौरीचौरा
सुशील प्रताप सिंह नवागत डिप्टी कलेक्टर (परिवीक्षा)उप जिलाधिकारी (न्यायिक) बांसगांव
रवि कुमार सिंहनवागत डिप्टी कलेक्टर (परिवीक्षा)उप जिलाधिकारी (न्यायिक) सहजनवांक्यों हुआ।

यह फेरबदल?

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के इस कदम को प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ाने और जिले में बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह बदलाव जिले में प्रशासनिक कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने, जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करने और तहसील स्तर पर बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है।

क्या होगा असर?

प्रशासनिक दक्षता में सुधार: नए दायित्वों के साथ अधिकारियों के बीच कार्यों का पुनर्वितरण जमीनी स्तर पर प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज करने में मदद करेगा।न्यायिक कार्यों में गति: बांसगांव, सहजनवां और चौरीचौरा जैसे क्षेत्रों में नए उप जिलाधिकारी (न्यायिक) की नियुक्ति से लंबित मामलों का निपटारा तेज हो सकता है ।

जनता को लाभ: कार्यक्षेत्र में बदलाव से स्थानीय लोगों को प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंच में सुधार होने की उम्मीद है।आदेश की मुख्य बातेंयह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और पत्रांक 893/ओ०एस०डी०-2025 के तहत जारी किया गया है।आदेश की प्रति आयुक्त, गोरखपुर मंडल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, सभी अपर जिलाधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट, मुख्य कोषाधिकारी और संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है।
सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है।

क्या कहते हैं जानकार?

स्थानीय प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह फेरबदल गोरखपुर जिले में प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। खास तौर पर, नव डिप्टी कलेक्टरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपने से नए अधिकारियों को अनुभव प्राप्त होगा, जिससे भविष्य में प्रशासन और मजबूत होगा।इस बदलाव के बाद जिले की जनता और प्रशासनिक हलकों में नजर इस बात पर रहेगी कि नए दायित्वों के साथ अधिकारी कितनी तेजी और प्रभावी ढंग से कार्य करते हैं। खासकर, सहजनवां, सदर, बांसगांव और चौरीचौरा जैसे क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाओं में सुधार की उम्मीद की जा रही है।गोरखपुर की जनता को उम्मीद है कि यह प्रशासनिक फेरबदल उनके लिए बेहतर सेवाएं और त्वरित समाधान लेकर आएगा।

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