गोरखपुर: प्यार, विश्वास और धोखे की दर्दनाक कहानी, पत्नी की बेवफाई से टूटा पति, चढ़ा मोबाइल टावर पर

गोरखपुर में प्यार, विश्वास और धोखे की दर्दनाक कहानी सामने आई हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के गोला थाना क्षेत्र के बेलपार गांव में एक ऐसी मार्मिक घटना सामने आई है, जो दिल को झकझोर देने वाली है। यह कहानी है प्यार, त्याग और विश्वासघात की, जहां एक पति ने अपनी पत्नी के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया, लेकिन बदले में उसे मिला सिर्फ धोखा और अपमान।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस दर्द से आहत होकर बेलपार निवासी समरनाथ मौर्य ने शनिवार, 24 मई 2025 को अपने जीवन को खत्म करने की ठान ली और गांव के पास रामपुर बघौरा में स्थित मोबाइल टावर पर चढ़ गया।

पत्नी के लिए बेच दिया खेत

समरनाथ मौर्य, राजदेव के बेटे, ने अपनी पत्नी रीमा के सपनों को सच करने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। उसने अपने खेत बेचकर रीमा को गोरखपुर में नर्सिंग का कोर्स करवाया। इतना ही नहीं, उसने रीमा को नीट की तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया और रेलवे की परीक्षा भी दिलवाई। जब रेलवे में सफलता नहीं मिली, तो रीमा ने गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में नर्स की नौकरी शुरू की। समरनाथ ने अपनी पत्नी की हर जरूरत का ख्याल रखा, गोरखपुर में किराए के मकान में उसका साथ दिया और खाने-पीने का सामान तक पहुंचाया। लेकिन किसे पता था कि यह त्याग और समर्पण एक दिन उसके लिए सबसे बड़ा दुख बन जाएगा।

विश्वासघात की वह रात

डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट अनुसार समरनाथ का दिल करीब एक सप्ताह पहले, समरनाथ अयोध्या में श्री राम लला के दर्शन करने गया था। देर रात जब वह गोरखपुर में रीमा के किराए के मकान पर पहुंचा, तो वहां का दृश्य देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। मकान पर ताला लगा था। मकान मालिक से ताला खुलवाकर जब वह अंदर दाखिल हुआ, तो उसकी पत्नी रीमा को किसी पराए पुरुष के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया। समरनाथ ने जब सवाल किया, तो वह युवक वहां से भाग निकला। रीमा ने भी कोई जवाब नहीं दिया और उसी युवक के साथ चली गई। इस विश्वासघात ने समरनाथ को अंदर तक तोड़ दिया।

न्याय की आस में भटकता पति, नहीं हुई सुनवाई

टूटे दिल के साथ समरनाथ ने गोरखपुर की स्थानीय पुलिस चौकी पर अपनी शिकायत लेकर पहुंचा, लेकिन वहां उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। न्याय की उम्मीद टूटने और पत्नी के धोखे से आहत समरनाथ का दर्द असहनीय हो गया। इस असहायता और अपमान ने उसे इतना तोड़ दिया कि उसने अपनी जान देने का फैसला कर लिया।मोबाइल टावर पर चढ़ा समरनाथ, गांव में मची अफरा-तफरी शनिवार, 24 मई 2025 को दोपहर में समरनाथ ने रामपुर बघौरा गांव में स्थित मोबाइल टावर पर चढ़कर अपनी जिंदगी खत्म करने की कोशिश की। टावर के पास भारी भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने तुरंत गोला पुलिस को सूचना दी। थानाध्यक्ष अपनी टीम और फायर ब्रिगेड की गाड़ी के साथ मौके पर पहुंचे और समरनाथ को नीचे उतारने की कोशिश शुरू की। समाचार लिखे जाने तक समरनाथ टावर से नीचे नहीं उतरा था, और उसका दर्द पूरे गांव की आंखों में साफ झलक रहा था।एक पति का बलिदान और समाज का सवाल यह घटना न केवल समरनाथ और रीमा की कहानी है, बल्कि समाज के सामने कई सवाल खड़े करती है।

क्या प्यार और विश्वास का इनाम धोखा होना चाहिए?

क्या एक पति का अपनी पत्नी के लिए किया गया त्याग इतना सस्ता है? समरनाथ की यह कहानी हर उस शख्स के लिए एक सबक है, जो अपने रिश्तों में सब कुछ न्योछावर कर देता है। गोला पुलिस और प्रशासन से अपील है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए, ताकि समरनाथ जैसे लोग न्याय से वंचित न रहें।यह दुखद घटना गोरखपुर ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि रिश्तों में विश्वास और ईमानदारी की कितनी जरूरत है। समरनाथ के दर्द को शब्दों में बयां करना मुश्किल है, लेकिन उसकी यह कहानी हर किसी के दिल को छू रही है।

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