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कानपुर में गंगा का कहर: खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी, 30 मोहल्लों में भरा पानी

कानपुर के शुक्लागंज इलाके में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। रविवार सुबह से हालात बिगड़ने लगे और अब तक 30 मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सुरक्षा के लिहाज से सैकड़ों घरों की बिजली काट दी गई है और राहत कार्य के लिए नावें तैनात की गई हैं।
Post Published By: Asmita Patel
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कानपुर में गंगा का कहर: खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी, 30 मोहल्लों में भरा पानी

Kanpur: कानपुर में रविवार सुबह गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और यह 113.030 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से तीन सेंटीमीटर ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग ने यह जानकारी दी है और अनुमान जताया है कि आने वाले समय में जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है। इससे शुक्लागंज और आसपास के इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

30 मोहल्लों में घुसा बाढ़ का पानी

तेजी से बढ़ते पानी के कारण लगभग 30 मोहल्लों में गंगा का पानी घुस चुका है। प्रभावित क्षेत्रों में गोताखोर, कर्बला हुसैन नगर, मोहम्मद नगर, अहमदनगर, हरिहरपुर, फतेह खेड़ा, पीपर खेड़ा, रविदास नगर, इंदिरा नगर और मनोहर नगर जैसे इलाके शामिल हैं। सुरक्षा की दृष्टि से बिजली निगम ने इन क्षेत्रों के लगभग 600 घरों की बिजली सप्लाई काट दी है ताकि कोई हादसा न हो।

नाव बनी जीवन की लाइफलाइन

प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू करते हुए 30 नावें प्रभावित इलाकों में तैनात की हैं। लेखपाल अशोक सैनी ने जानकारी दी कि लोगों के लिए तीन आश्रय स्थल (रिलीफ सेंटर) भी बनाए गए हैं, जहां उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद कई लोग अभी तक अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

चोरी के डर से घर खाली करने से इनकार

स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अपने घरों में भरा पानी सहन कर सकते हैं, लेकिन चोरी की घटनाओं के डर से घर छोड़ना मुमकिन नहीं है। लोगों का मानना है कि यदि वे आश्रय स्थल पर चले गए, तो खाली घरों में चोरी की संभावना बढ़ जाएगी। प्रशासन द्वारा लगातार समझाने और चेतावनी देने के बावजूद अधिकतर परिवार घरों में ही डटे हुए हैं।

घाटों पर भी पानी

शहर के प्रमुख घाट जैसे आनंद घाट, नमामि गंगे घाट और बालू घाट भी बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इन घाटों पर श्रद्धालुओं का गंगा स्नान करना मुश्किल हो गया है। पानी ने इन स्थानों को पूरी तरह से ढक लिया है जिससे धार्मिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं।

जीवन अस्त-व्यस्त, प्रशासन सतर्क

बाढ़ के चलते पूरे इलाके में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और दुकानों पर ग्राहकों की संख्या ना के बराबर है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह से सतर्क हैं और हालात पर नजर रखे हुए हैं।

जलस्तर में और बढ़ोतरी की चेतावनी

केंद्रीय जल आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि गंगा का जलस्तर अभी और बढ़ सकता है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है और लोगों से अपील की जा रही है कि वे सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं।

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