

नोएडा के डूब क्षेत्र में आई बाढ़ ने वहां के रहवासियों को मुश्किल में डाल दिया है। सेक्टर-168 में करीब 100 झुग्गियों के निवासी अब पलायन करने को मजबूर हैं, क्योंकि बाढ़ का पानी उनके घरों में घुस चुका है। राहत सामग्री की भारी कमी है, और प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं पहुंची है। 2023 में भी यहां बाढ़ आई थी और अब एक बार फिर लोग पीड़ित हैं। प्रशासन ने गौवंशों के लिए भी सुरक्षा इंतजाम करने की बात कही है।
खेतों में भरा बाढ़ का पानी
Noida: नोएडा के डूब क्षेत्र में पिछले दो दिनों से बाढ़ का पानी घुस आया है, जिससे सेक्टर-168 और इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग भारी संकट का सामना कर रहे हैं। यहां के लगभग 100 से अधिक झुग्गियों में रहने वाले लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई है, क्योंकि बाढ़ का पानी उनके घरों में घुस चुका है। इन झुग्गियों में रहने वाले लोग अब पलायन करने को मजबूर हैं। बाढ़ के पानी ने ना केवल उनकी रहने की जगह को डुबो दिया है, बल्कि खाने-पीने का सामान और अन्य जरूरी चीजें भी बह गई हैं।
राहत सामग्री की भारी कमी
पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ के इस संकट के दौरान अब तक राहत सामग्री नहीं पहुंची है। जिला प्रशासन की ओर से कोई भी मदद नहीं की जा रही है, और लोग मदद के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। जिन गांवों में बाढ़ का पानी फैल चुका है, उनमें नोएडा के मंगरौली, छपरौली, गुलावली, मोहियापुर और झट्टा गांव शामिल हैं। इन इलाकों के लोग बताते हैं कि दो दिन पहले रात 1 से 2 बजे के बीच अचानक बाढ़ का पानी आ गया था, और उन्हें अपना सामान निकालने का कोई समय नहीं मिला।
2023 में भी आई थी बाढ़, प्रशासन ने की थी तैयारियां
यह पहली बार नहीं है कि नोएडा में बाढ़ का पानी घुसा है। 2023 में भी नोएडा के पुश्ता इलाके में बाढ़ आई थी, जिसमें करीब 1200 लोगों का रेस्क्यू किया गया था। इस बाढ़ में मवेशियों का बचाव भी किया गया था और सामुदायिक किचन और आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई थी। जिससे 2000 से ज्यादा लोगों को खाना मिल सके।
डीएम ने क्या एक्शन लिया?
जिलाधिकारी मेधा रूपम ने सिंचाई विभाग को निर्देशित किया था कि वे नदियों के जल स्तर की नियमित निगरानी करें और समय-समय पर प्रशासन को सूचित करें। इसके अलावा, बाढ़ से प्रभावित गांवों के लोगों को सतर्क रहने और पानी बढ़ने की संभावना के बारे में जानकारी देने का निर्देश भी दिया गया था।
गौवंशों के बचाव की योजना
प्राधिकरणों के अधिकारियों को डूब क्षेत्र में स्थित गोशालाओं के लिए विकल्प तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बाढ़ की स्थिति में गौवंशों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके। इस बाढ़ आपदा से निपटने के लिए प्रशासन ने समन्वय बनाकर सभी तैयारियां करने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं का सामना करते हुए मदद में कोई कमी न हो।
स्थानीय लोग मदद का इंतजार कर रहे हैं
बाढ़ के कारण पीड़ित लोग राहत सामग्री का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और सहायता के अभाव में वे बेहद मुश्किल में हैं। उनका कहना है कि जब तक राहत सामग्री नहीं पहुंचती, तब तक बाढ़ की स्थिति और भी भयावह हो सकती है, और लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है।