

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के लिए एक्सपोजर भ्रमण का आयोजन किया गया। पूरी खबर के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
किसानों के लिए एक्सपोजर भ्रमण का आयोजन
पलिया (लखीमपुर खीरी): उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां मुख्यमंत्री गन्ना कृषक प्रशिक्षण भ्रमण कार्यक्रम के तहत बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड ने पलिया में किसानों के लिए एक्सपोजर भ्रमण का आयोजन किया गया। मिल के यूनिट हेड ओ.पी. चौहान और ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक मिथिलेश पांडेय ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर 62 प्रगतिशील किसानों के दल को भ्रमण हेतु रवाना किया।
भ्रमण के दौरान किसानों ने प्रत्यक्ष रूप से देखी उन्नत तकनीक
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक यह भ्रमण मिल क्षेत्र के ग्राम गदनिया और विक्रमवन में सम्पन्न हुआ, जहां किसानों ने एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक भ्रमण करते हुए उन्नत तकनीकों से की जा रही गन्ने की खेती को प्रत्यक्ष देखा। इस दौरान आयोजित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहायक महाप्रबंधक (गन्ना) जितेन्द्र सिंह राणा ने गन्ने की उन्नत खेती की तकनीकों पर विस्तार से जानकारी दी।
भ्रमण में ट्रेंच विधि से की गई बुआई का किया अवलोकन
किसानों ने तेजवीर सिंह सहित अन्य प्रगतिशील किसानों के खेतों में Co 0118, 14201, 15023 किस्मों की ट्रेंच विधि से की गई बुआई का अवलोकन किया। किसानों को मृदा प्रबंधन, उर्वरक संतुलन, सिंचाई व्यवस्था, कीट नियंत्रण, आरएमडी के प्रयोग और पेड़ी गन्ने के सफल प्रबंधन की व्यवहारिक जानकारी दी गई।
किसानों ने भ्रमण का किया अनुभव साझा
किसानों ने भ्रमण के पश्चात अनुभव साझा करते हुए कहा कि जो कुछ हमने यहां देखा वह अत्यंत प्रेरणादायक है। खेतों में गन्ने की स्थिति बहुत संतोषजनक है, पौधे स्वस्थ हैं, पत्तियां हरी-भरी हैं, और खेती पूरी तरह वैज्ञानिक पद्धति से की जा रही है।"यह भ्रमण कार्यक्रम किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ है।
यूपी में पहले हुआ चुका है ऐसा कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश में कुछ समय पहले किसानों को गन्ने की खेती की आधुनिक तकनीकें सिखाने के लिए कई प्रयास किए गए थे। इस दौरान गन्ना विकास परिषद ने किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए फेसबुक लाइव सत्रों का आयोजन किया, जिससे 9 लाख से अधिक किसानों को आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया गया। यही नहीं एक मास्टर ट्रेनर कार्यक्रम भी किया गया, जिसमें चयनित किसानों को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया गया।