

फतेहपुर के खागा तहसील क्षेत्र के हसनपुर कसार गांव के किसानों में सुल्तानपुर घोष विद्युत उपकेंद्र से लगातार हो रही बिजली कटौती को लेकर भारी रोष है। किसानों का आरोप है कि बिजली आपूर्ति में पक्षपात किया जा रहा है और उनकी बारी छोड़कर पड़ोसी मदागंज गांव को बिजली दी जा रही है।
बिजली कटौती से किसान परेशान
Fatehpur: फतेहपुर के खागा तहसील क्षेत्र के हसनपुर कसार गांव के किसानों में सुल्तानपुर घोष विद्युत उपकेंद्र से लगातार हो रही बिजली कटौती को लेकर भारी रोष है। किसानों का आरोप है कि बिजली आपूर्ति में पक्षपात किया जा रहा है और उनकी बारी छोड़कर पड़ोसी मदागंज गांव को बिजली दी जा रही है। इस समस्या से खेती प्रभावित हो रही है और किसान अब समस्या के समाधान के लिए सख्त कदम उठाने को तैयार हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ग्रामीणों ने बताया कि सुल्तानपुर घोष पावर हाउस से फीडरवार बिजली कटौती की जाती है, जिसमें हर फीडर को बारी-बारी से बिजली मिलती है। लेकिन हसनपुर कसार गांव के लोगों को बार-बार बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है जबकि उसी फीडर से जुड़े मदागंज गांव में बिजली नियमित मिलती है। किसानों का कहना है कि इससे खेतों में सिंचाई मुश्किल हो गई है, खासकर धान की रोपाई के इस मौसम में।
करीब पचास किसानों ने कई बार लाइनमैन और जेई से इस समस्या को लेकर शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। अधिकारियों द्वारा समस्या को नजरअंदाज करने की शिकायत भी की गई है। जब किसानों ने जेई से फोन पर बात की तो उन्होंने भी स्पष्ट जवाब देने से इनकार किया। इससे किसानों का गुस्सा और बढ़ गया है।
गांव के किसान सोमवार को मदागंज और हसनपुर कसार के बीच स्थित बिजली जॉइंट पॉइंट पर जाकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बिजली विभाग और प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही नियमित बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो वे विद्युत उपकेंद्र का घेराव करेंगे और कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।
किसानों का कहना है कि वे नियमित बिजली बिल जमा करते हैं, लेकिन फिर भी बिजली आपूर्ति में उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। बिजली कटौती के कारण खेतों में पानी देना मुश्किल हो गया है, जिससे फसलों को नुकसान होने का खतरा है। वे अपनी आजीविका बचाने के लिए नियमित और समुचित बिजली आपूर्ति की मांग कर रहे हैं।
अब ग्रामीणों की निगाहें स्थानीय प्रशासन और विद्युत विभाग की ओर हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि अधिकारी इस गंभीर समस्या को समझेंगे और जल्द ही इसका समाधान निकालेंगे। यदि समस्या बनी रहती है तो किसानों के आंदोलन की संभावना बढ़ सकती है, जिससे क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है।
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