

सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के बाद भी भू माफियाओं का आतंक जारी है। नया मामला मैनपुरी में आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
दबंग भू माफियाओं के खिलाफ धरने पर बैठा परिवार
मैनपुरी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही भू-माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही हो, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कुछ अलग दिखाई दे रही है। जनपद मैनपुरी के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित तिकोनिया पार्क में पीड़ित परिवार ने धरना शुरू कर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, तहसील भोगांव के जमथरी गांव से आए एक पीड़ित परिवार ने दबंग भू-माफियाओं के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है। परिवार का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वे धरने से नहीं उठेंगे- चाहे इसके लिए उन्हें अंतिम सांस तक बैठना पड़े।
श्मशान घाट वाले रास्ते पर कब्जे का आरोप
धरने पर बैठे पीड़ितों ने बताया कि गांव के ही कुछ दबंग किस्म के लोग उनके घर से श्मशान घाट तक जाने वाले पारंपरिक रास्ते को जबरन कब्जा कर रहे हैं। इस बारे में उन्होंने कई बार एसडीएम भोगांव संध्या शर्मा को लिखित और मौखिक शिकायतें दीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
राजस्व टीम पर भी लगाया आरोप
परिवार ने आरोप लगाया कि शिकायत के बाद प्रशासन की ओर से राजस्व टीम ने जमीन की नापजोख की, लेकिन यह कार्य चुपचाप और बिना उन्हें सूचित किए किया गया। पीड़ितों के अनुसार, टीम ने विपक्षी दबंगों के प्रभाव में आकर गलत तरीके से माप कर रिपोर्ट तैयार की, जिससे न्याय की बजाय अन्याय हुआ।
सरकारी नाली पर अवैध निर्माण जारी
परिवार का यह भी आरोप है कि गांव के ही राजेन्द्र सिंह, पवन, अवनीश, गुड्डू सहित कुछ अन्य लोग एकजुट होकर गांव की सरकारी नाली पर अवैध निर्माण कर रहे हैं। यह कार्य खुलेआम हो रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। इससे सरकारी संपत्ति को नुकसान हो रहा है और गांव की मूलभूत सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।
प्रशासन ने साधी चुप्पी
पीड़ित परिवार का कहना है कि वे सुबह से भूखे-प्यासे कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे हैं, लेकिन अब तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी उनसे मिलने तक नहीं आया है। न ही प्रशासन की ओर से कोई आश्वासन या कार्रवाई का संकेत मिला है।
परिवार का ऐलान- "संघर्ष जारी रहेगा"
डायनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा और भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी, वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि सरकारी जमीन और रास्ते पर कब्जा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे इसके लिए कितनी भी लंबी लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े।