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हापुड़ के खिचरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित खेकड़ा कास्टिंग्स प्राइवेट लिमिटेड में क्रेन का हुक टूटकर गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। हादसे के बाद मजदूरों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हंगामा किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और फैक्टरी के सुरक्षा इंतजामों की भी पड़ताल की जा रही है।
इसी फैक्टरी में हुआ हादसा
Hapur: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक औद्योगिक इकाई में हुए दर्दनाक हादसे से हड़कंप मच गया। यूपीएसआईडीसी के खिचरा स्थित औद्योगिक क्षेत्र में संचालित खेकड़ा कास्टिंग्स प्राइवेट लिमिटेड में काम के दौरान क्रेन का हुक टूटकर गिर गया, जिससे एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद फैक्टरी परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
कैसे हुआ हादसा?
हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर की पहचान मुजफ्फरनगर निवासी कुर्बान (28) के रूप में हुई है। कुर्बान फैक्टरी में मजदूरी का काम करते थे और रविवार सुबह ड्यूटी पर मौजूद थे। फैक्टरी में स्क्रैप गलाने और उससे सिल्लियां तैयार करने का काम किया जाता है।
काम के दौरान टूटा क्रेन का हुक
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, रविवार सुबह काम के दौरान अचानक क्रेन का हुक टूट गया। यह हुक ऊंचाई पर लगे उपकरण से जुड़ा हुआ था। टूटने के बाद हुक और उससे जुड़ा सामान नीचे गिर गया, जिसकी चपेट में कुर्बान आ गए। हादसा इतना गंभीर था कि उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस
घटना की जानकारी मिलते ही फैक्टरी प्रबंधन और पुलिस को सूचित किया गया। थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष चौहान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी।
मजदूरों का हंगामा और आरोप
हादसे के बाद फैक्टरी में काम कर रहे अन्य मजदूरों और कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि फैक्टरी प्रबंधन द्वारा सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते। मजदूरों का कहना था कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण आए दिन छोटे-बड़े हादसे होते रहते हैं।
सुरक्षा प्रोटोकॉल पर उठे सवाल
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि फैक्टरी में निर्धारित सुरक्षा मानकों और प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता। उनका कहना है कि भारी मशीनरी और उच्च तापमान पर काम होने के बावजूद सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जाती है, जिससे मजदूरों की जान जोखिम में रहती है।
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पहले भी हो चुके हैं हादसे
मजदूरों ने यह भी दावा किया कि इससे पहले भी फैक्टरी में गंभीर हादसे हो चुके हैं। एक सुपरवाइजर की मौत का मामला भी सामने आ चुका है। कर्मचारियों का कहना है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं किया।
तीन साल पहले मैनेजर की मौत
गौरतलब है कि इसी फैक्टरी में वर्ष 2022 में एक मैनेजर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। उस समय मैनेजर के परिजनों ने फैक्टरी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे। जांच के दौरान फोरेंसिक टीम ने फैक्टरी में कई तकनीकी और सुरक्षा संबंधी खामियों की ओर इशारा किया था।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
सीओ अनीता चौहान ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फैक्टरी प्रबंधन और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।