

गोरखपुर की बेटी दहेज की क्रूरता का शिकार हुई। लगातार उत्पीड़न के बाद पीड़िता ने ससुराल पक्ष पर मुकदमा दर्ज कराया और न्याय की गुहार लगाई। यह मामला समाज में दहेज प्रथा की भयावहता को उजागर करता है और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की अहमियत दिखाता है।
क्रूर दहेज ने उजाड़ दी गोरखपुर बेटी की जिंदगी
Gorakhpur: गोरखपुर जनपद के गोला थाना क्षेत्र में दहेज उत्पीड़न और क्रूरता का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। पीड़िता पूनम गुप्ता ने अपने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। पूनम ने बताया कि उनकी शादी छह वर्ष पूर्व रतनपुरा गांव निवासी राजू गुप्ता के साथ हुई थी, लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद ही ससुराल वालों ने उनका जीना हराम कर दिया।
पूनम के अनुसार, ससुराल पक्ष ने कम दहेज लाने को लेकर ताने मारना शुरू किया और उनके रंग-रूप का अपमान किया। इसके अलावा, दो लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की गई। मांग पूरी न होने पर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, जिसमें भोजन पर पाबंदी और घर से निकालने की धमकियां शामिल थीं। पूनम ने बताया कि पति द्वारा दूसरी शादी की धमकी भी दी जाती थी, जिससे उनकी जिंदगी नरक बन गई।
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2022 में क्रूरता की हदें पार
वर्ष 2022 में मामला तब और गंभीर हो गया, जब पूनम को कमरे में बंद कर बेरहमी से मारपीट की गई। उनकी चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पूनम को बचाया और ससुराल पक्ष को सख्त चेतावनी दी। हालांकि, इसके बाद भी ससुराल वालों का रवैया नहीं बदला।
पूनम की तहरीर के आधार पर गोला थाना प्रभारी राहुल शुक्ला ने ससुराल पक्ष के पांच लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498A (दहेज उत्पीड़न), 323 (साधारण चोट), 506 (धमकी) और दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी राहुल शुक्ला ने बताया कि तहरीर के मुताबिक जांच कर मुकदमा पंजीकृत कर अग्रिम कार्यवाई की जा रही है ।
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यह घटना न केवल दहेज प्रथा की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है, बल्कि समाज को यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि ऐसी अमानवीय प्रथाओं को जड़ से खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। गोरखपुर पुलिस की सक्रियता और समाजसेवियों का समर्थन इस मामले में पीड़िता के लिए उम्मीद की किरण बन रहा है।