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यूपी डीजीपी राजीव कृष्ण की प्रेसवार्ता में अपराध के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। मुठभेड़ों से लेकर दोषसिद्धि और मृत्युदंड तक, योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का असर जमीन पर दिखता नजर आ रहा है।
यूपी पुलिस की प्रेस वार्ता
Lucknow: उत्तर प्रदेश से इस समय की एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बुधवार को यूपी पुलिस के डीजीपी राजीव कृष्ण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत न सिर्फ अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, बल्कि कई मामलों में उन्हें अंतिम सजा तक दिलाई।
हर साल करीब 7 लाख अपराधी गिरफ्तार
प्रेसवार्ता में डीजीपी ने बताया कि यूपी पुलिस हर साल औसतन करीब 7 लाख अपराधियों को गिरफ्तार कर रही है। यह सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि मामलों की मजबूत विवेचना कर दोषसिद्धि तक पहुंचाने पर जोर दिया गया है। पुलिस की कोशिश रही है कि अपराधी सिर्फ जेल न जाए, बल्कि सजा भी जरूर पाए।
मुठभेड़ और सख्त कार्रवाई
इस साल (2025) में यूपी में 48 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए, जो बीते कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा संख्या मानी जा रही है। डीजीपी ने साफ कहा कि पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की है और अपराधियों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती गई। संगठित गिरोहों और शातिर अपराधियों पर लगातार दबाव बनाया गया।
दोषसिद्धि और मृत्युदंड तक सजा
जुलाई 2023 से अब तक 1 लाख 25 हजार 985 अपराधियों को दोषी ठहरवाया गया है। इन मामलों में 79 अपराधियों को मृत्युदंड जैसी सबसे कठोर सजा मिली है। डीजीपी के मुताबिक, यह आंकड़ा बताता है कि यूपी पुलिस अब केवल केस दर्ज करने तक सीमित नहीं है, बल्कि कोर्ट में मजबूत पैरवी कर अपराधियों को सजा दिलाने में सफल हो रही है।
रेप के मामलों में 53 फीसदी की कमी
डीजीपी ने दावा किया कि साल 2017 की तुलना में रेप की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी आई है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने सख्त निगरानी, त्वरित कार्रवाई और संवेदनशील पुलिसिंग पर काम किया है, जिसका असर अब आंकड़ों में नजर आ रहा है।
ड्रग्स और अवैध कमाई पर भी प्रहार
एनडीपीएस एक्ट के तहत 15 मामलों में PIT NDPS की कार्रवाई की गई है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने इस साल 16 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध धनराशि जब्त की है। डीजीपी ने कहा कि ड्रग्स नेटवर्क को तोड़ना सरकार की प्राथमिकता है।