

जिलाधिकारी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जूम मीटिंग के माध्यम से जनपद की संतुष्टि प्रतिशत की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया कि कई विभागाध्यक्ष जन शिकायतों और संदर्भों के निस्तारण को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कई अधिकारी अधीनस्थों की रिपोर्ट को बिना पढ़े ही निस्तारण कर रहे हैं, जिससे जनपद की संतुष्टि रैंकिंग में गिरावट आई है। जिलाधिकारी ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए अधिकारियों के प्रति नाराज़गी जाहिर की।
औरैया में जिलाधिकारी की सख्ती
Auraiya: जिलाधिकारी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जूम मीटिंग के माध्यम से जनपद की संतुष्टि प्रतिशत की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया कि कई विभागाध्यक्ष जन शिकायतों और संदर्भों के निस्तारण को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कई अधिकारी अधीनस्थों की रिपोर्ट को बिना पढ़े ही निस्तारण कर रहे हैं, जिससे जनपद की संतुष्टि रैंकिंग में गिरावट आई है। जिलाधिकारी ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए अधिकारियों के प्रति नाराज़गी जाहिर की।
इस लापरवाही पर कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने चकबंदी अधिकारी बिधूना, चकबंदी अधिकारी अजीतमल, एसओसी चकबंदी, एबीएसए बिधूना, खान निरीक्षक, और जिला पंचायत राज अधिकारी को स्पष्टीकरण जारी करने का आदेश दिया। साथ ही, जूम मीटिंग में अनुपस्थित पाए गए जिला समाज कल्याण अधिकारी, संभागीय परिवहन अधिकारी और एआरएम रोडवेज का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक के दौरान आवारा गोवंशों की समस्या पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने बताया कि खेतों में फसलें खराब हो रही हैं और सड़कों पर दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वे संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर आवारा पशुओं को पकड़वाएं और उन्हें गोआश्रय स्थलों में सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने इस कार्य की दैनिक समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा, ताकि समस्या पर समय रहते नियंत्रण पाया जा सके।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे जन शिकायतों के निस्तारण में व्यक्तिगत संज्ञान लें। उनका उद्देश्य है कि औरैया की रैंकिंग उत्तर प्रदेश में दूसरे या तीसरे स्थान पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ तो आखिरी विकल्प कार्रवाई ही होगा।
जिलाधिकारी की इस सख्ती से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अब सभी अधिकारियों से उम्मीद की जा रही है कि वे अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाते हुए जनता की समस्याओं का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित करेंगे।
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