महराजगंज में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। ब्लैक स्पॉट सुधार, हेलमेट-सीट बेल्ट अनिवार्यता और ओवरस्पीड पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। कोहरे को देखते हुए 26 जनवरी तक विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है।

जिला सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त जिलाधिकारी
Maharajganj: जिले में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में हो रही सड़क दुर्घटनाओं, मौतों के आंकड़ों, उनके प्रमुख कारणों और चिन्हित ब्लैक स्पॉट्स की स्थिति की गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बीते माह जिले में हुई सड़क दुर्घटनाओं और उनमें हुई मौतों का विस्तृत आंकलन किया। उन्होंने संबंधित विभागों से दुर्घटनाओं की विस्तृत रिपोर्ट तलब की और यह जानने का प्रयास किया कि किन कारणों से दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क हादसों में होने वाली मौतें केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे उजड़े हुए परिवार और टूटे हुए सपने होते हैं।
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने लोक निर्माण विभाग को जिले के सभी चिन्हित ब्लैक स्पॉट्स पर तत्काल सुधार कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। ब्लैक स्पॉट्स पर साइन बोर्ड, चेतावनी संकेत, रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप, स्पीड ब्रेकर और सड़क चिह्न अनिवार्य रूप से लगाए जाएं। विशेष रूप से गोरखपुर–महराजगंज मार्ग को संवेदनशील बताते हुए वहां प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक संकेतक लगाने के निर्देश दिए गए।
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घने कोहरे के मौसम को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को 26 जनवरी 2026 तक विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोहरे के कारण दृश्यता कम हो जाती है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने मुख्य सड़कों के लिए नोडल अधिकारी नामित करने और सड़क किनारे उनके नाम व मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने वाले साइन बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि किसी दुर्घटना के पीछे सड़क निर्माण, संकेतकों या डाइवर्जन में लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए लोक निर्माण विभाग, एआरटीओ और पुलिस विभाग की तीन सदस्यीय संयुक्त टीम गठित की गई है।
जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि विशेष चेकिंग अभियान चलाकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट और चार पहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट के अनिवार्य उपयोग को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ओवरस्पीडिंग और ओवरलोडिंग को सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बताते हुए ऐसे वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
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बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने जिला गन्ना अधिकारी को निर्देश दिए कि चीनी मिलों पर आने-जाने वाले सभी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर रिफ्लेक्टिव टेप या कपड़े अनिवार्य रूप से लगाए जाएं।
इस महत्वपूर्ण बैठक में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मनोज सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग राजकुमार मिश्रा, डिप्टी सीएमओ, राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) और एनएचएआई के सहायक अभियंता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए।