

शहर के डॉक्टर स्वास्थ्य योजनाओं की धज्जियां उड़ाने में पीछे नहीं हट रहें हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
डॉक्टरों की कमीशनबाजी से परेशान मरीज
कानपुर: जहां एक तरफ प्रदेश की सरकार बड़े-बड़े दावे करती है तो वहीं दूसरी तरफ उनके ही अधिकारी सरकार का पलीता बनाने में पीछे नहीं हटते हैं। आपको बता दें कि ताजा मामला कानपुर के उर्सला और डफरिन अस्पताल से सामने आया है, जहां प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना का मजाक बनाया जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जनऔषधि योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। लेकिन कानपुर के उर्सला और डफरिन अस्पताल में डॉक्टर इस योजना की खुलेआम अनदेखी कर रहे हैं।
सरकारी पर्चे में नहीं लिखी जाती बाहर की दवा
डॉक्टरों की चालाकी यह है कि वे बाहर की महंगी ब्रांडेड दवाएं सीधे सरकारी पर्चे में नहीं लिखते, ताकि पकड़े न जा सकें। मरीजों को दो से तीन दवाएं सरकारी पर्चे में लिखी जाती हैं, लेकिन साथ ही एक छोटी पर्ची अलग से दी जाती है। जिसमें बाहर से मंगाई जाने वाली दवाएं दर्ज होती हैं।
जनऔषधि केंद्र के बावजूद भी बाहर की दवा की मांग
उर्सला और डफरिन अस्पतालों में जनऔषधि केंद्र मौजूद होने के बावजूद मरीजों को ऐसी दवाएं लिखी जाती हैं, जो वहां उपलब्ध नहीं होतीं। जब मरीज जनऔषधि केंद्र से दवा खरीदकर लाते हैं, तो डॉक्टर उसे यह कहकर वापस कर देते हैं कि ये दवा सही नहीं है और फिर बाहर से ही दवा लाने के लिए मजबूर किया जाता है।
हर मरीज के हाथ में छोटी पर्ची
दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि उर्सला अस्पताल की ओपीडी से निकलने वाले हर मरीज के हाथ में एक अलग छोटी पर्ची होती है। कई मरीजों ने बताया कि इस पर्ची में लिखी दवाएं सिर्फ बाहर के मेडिकल स्टोर पर ही मिलती हैं और सरकारी जनऔषधि केंद्र पर नहीं।
चुनिंदा मेडिकल स्टोर में मिलती दवा
डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाएं इतनी अस्पष्ट हैं कि उन्हें सिर्फ वही मेडिकल स्टोर वाले समझ सकते हैं, जिनके साथ डॉक्टरों की मिलीभगत है। आम मेडिकल स्टोर वाले उस पर्ची को पढ़ ही नहीं पाते।
डॉक्टरों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
उर्सला अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. एच.डी. अग्रवाल ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं और किसी भी डॉक्टर को बाहर की दवा लिखने की अनुमति नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई डॉक्टर ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।