मैनपुरी में खाद की कमी से परेशान किसान: लंबी लाइनों में खड़े होकर कर रहे इंतजार, डिंपल यादव ने उठाई ये समस्या

मैनपुरी के किसानों को खाद की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने खाद न मिलने और नकली खाद के इस्तेमाल से फसलों को नुकसान पहुंचने की चिंता जताते हुए सरकार को पत्र लिखा है। किसानों की समस्याओं के जल्द समाधान की मांग उठाई गई है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 24 August 2025, 2:20 PM IST
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Mainpuri: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में कृषि के लिए आवश्यक खाद की भारी कमी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर किसानों के हित की बात करते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि किसान डीएपी और यूरिया जैसी बुनियादी खाद के लिए कई घंटों तक कतारों में लगे रहते हैं और कई बार पूरी तरह से खाद न मिलने से परेशान हो रहे हैं। खाद की इस कमी ने मैनपुरी के किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें गहरा दी हैं।

डिंपल यादव ने उठाई खाद की समस्या

समाजवादी पार्टी की मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने इस गंभीर समस्या पर आवाज उठाई है। उन्होंने कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग के मंत्री सूर्य प्रताप शाही को एक पत्र भेजकर मैनपुरी के किसानों को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की है। अपने पत्र में डिंपल यादव ने बताया कि मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार डीएपी और यूरिया खाद नहीं मिल पा रही है। सरकारी समितियों पर किसानों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं, लेकिन इसके बावजूद कई किसानों को खाद नहीं मिल पा रही। उन्होंने इसे कृषि क्षेत्र की एक बड़ी चुनौती बताया है।

किसानों की मुश्किलें बढ़ाने वाली नकली खाद का कारोबार

डिंपल यादव ने पत्र में यह भी चिंता जताई है कि नकली और मानक विहीन खाद की बिक्री से किसानों की फसल को नुकसान हो रहा है। इससे न केवल उनकी पैदावार घट रही है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है। नकली खाद की इस समस्या को उत्तर प्रदेश सरकार की खाद सुरक्षा प्रणाली की विफलता के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए खाद की गुणवत्ता और उसकी सही मात्रा का उपलब्ध होना आवश्यक है। यह समस्या प्रदेश की खाद्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गई है, जिसे सरकार को तत्काल गंभीरता से लेना होगा।

किसानों के लिए खाद की कमी क्यों बनी बड़ी समस्या?

कृषि के लिए खाद आवश्यक तत्वों में से एक है। डीएपी और यूरिया जैसे उर्वरकों के बिना खेतों में फसल की पैदावार कम हो जाती है, जिससे किसानों की आय घटती है और आर्थिक संकट गहराता है। मैनपुरी जैसे कृषि प्रधान क्षेत्र में खाद की कमी सीधे तौर पर किसानों की जीविका और प्रदेश की समग्र कृषि अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। मैनपुरी के किसान खाद के अभाव में मजबूरन नकली खाद का उपयोग कर रहे हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचाता है और मिट्टी की उर्वरता को भी घटाता है। इससे लंबे समय में कृषि उत्पादन पर गंभीर असर पड़ सकता है।

लंबी कतारों में खड़े किसान और सरकार का मौन

मैनपुरी में खाद वितरण समितियों के बाहर किसानों की भीड़ लगी रहती है। कई किसानों को दो-तीन दिनों तक कतार में लगना पड़ता है, लेकिन फिर भी खाद नहीं मिल पाती। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोई ठोस कदम उठाने की खबर नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार किसानों के हित की बातें करती रहती है, लेकिन इस खाद संकट के प्रति त्वरित प्रतिक्रिया न होना उनके दावों को कमजोर करता है। किसानों की यह समस्या अब राजनीतिक बहस का विषय बन गई है।

सपा सांसद की मांग

डिंपल यादव ने मंत्री सूर्य प्रताप शाही को लिखा है कि खाद की कमी से निपटने के लिए विशेष कदम उठाए जाएं और किसानों को खाद उपलब्ध कराने में कोई बाधा न आए। साथ ही, नकली खाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की भी अपील की गई है। उन्होंने कहा कि यदि खाद की समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो इससे न केवल किसानों की फसलों को नुकसान होगा, बल्कि प्रदेश की खाद्य सुरक्षा भी दांव पर लग जाएगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि किसानों की आवाज को गंभीरता से लें और आवश्यक कदम उठाएं।

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