

उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाते हुए अपर आयुक्त (प्रशासन) राज्य कर सुनील कुमार वर्मा ने एक बड़ा कदम उठाया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख
सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक अध्यापक ने ऐसी हरकर की कि अपर आयुक्त (प्रशासन) राज्य कर सुनील कुमार वर्मा का बड़ा कदम उठाना पड़ा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाते हुए अपर आयुक्त (प्रशासन) राज्य कर सुनील कुमार वर्मा ने एक बड़ा कदम उठाया है। सोनभद्र में तैनात प्रधान सहायक राज्य कर अधिकारी सुदामा पासवान को घूस मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई ने पूरे विभाग में हलचल मचा दी है।
मामला उस वक्त गंभीर हो गया जब एक ऑडियो क्लिप सामने आई, जिसमें सुदामा पासवान कर निर्धारण आदेश पारित करने के बदले रिश्वत मांगते हुए सुनाई दिए। ऑडियो सामने आते ही इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत इसका संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए।
ऑडियो के आधार पर की गई प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद अपर आयुक्त सुनील कुमार वर्मा ने तत्काल प्रभाव से सुदामा पासवान को निलंबित कर दिया। साथ ही, पूरे मामले की गहराई से जांच करने के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी का भी गठन कर दिया गया है। यह कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और आगे की कार्रवाई उसी के आधार पर की जाएगी।
सुदामा पासवान पर आरोप है कि उन्होंने कर निर्धारण आदेश पारित करने के लिए एक व्यापारी से अवैध रूप से पैसे की मांग की। यह मामला तब उजागर हुआ जब पीड़ित व्यापारी ने बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली और उसे संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया। यह ऑडियो न केवल प्रशासन को चौंकाने वाला था, बल्कि यह विभाग के अंदर चल रही गड़बड़ियों की भी एक झलक पेश करता है।
इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त कोई भी अधिकारी अब बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो। शासन की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाएगी और घूसखोरी जैसी घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू की जाएगी।
अब सभी की नजर जांच कमेटी की रिपोर्ट पर टिकी है, जो यह तय करेगी कि सुदामा पासवान पर आगे क्या कठोर कदम उठाए जाएंगे। लेकिन इतना तय है कि ऑडियो की एक क्लिप ने एक अफसर की नौकरी और साख दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।