

नौतनवा तहसील परिसर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में फरियादियों की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान प्रशासन और पुलिस की संवेदनशीलता और तत्परता ने जनता के बीच विश्वास जगाया।
डीएम-एसपी ने सुनी जनता की शिकायत
Maharajganj: नौतनवा तहसील परिसर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में फरियादियों की भारी भीड़ उमड़ी। जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने संयुक्त रूप से जनता की समस्याओं को सुना और उनके त्वरित व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। इस दौरान प्रशासन और पुलिस की संवेदनशीलता और तत्परता ने जनता के बीच विश्वास जगाया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जिलाधिकारी ने सभी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण के साथ समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। खासकर राजस्व और भूमि विवाद से जुड़े मामलों में मौके पर जांच, शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर और फोटोग्राफ्स को अनिवार्य बताया गया।
पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने पुलिस से संबंधित शिकायतों पर विशेष ध्यान देते हुए अधिकारियों को संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन मामलों का समाधान उच्च स्तर पर होना है, उनकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर संबंधित अधिकारियों को भेजी जाए, ताकि समय पर समाधान हो सके।
175 शिकायतें, कई का मौके पर निस्तारण
डीएम ने बताया कि समाधान दिवस में कुल 175 फरियादियों ने अपनी समस्याएं दर्ज कराईं। इनमें से कई शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया, जबकि शेष को संबंधित विभागों को सौंपकर एक सप्ताह के भीतर गुणवत्तापूर्ण समाधान का निर्देश दिया गया।
अधिकारियों की सक्रिय उपस्थिति
इस अवसर पर एसडीएम नौतनवा, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, क्षेत्राधिकारी नौतनवा, सभी थानाध्यक्ष, लेखपाल और जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। सुबह से ही तहसील परिसर में फरियादियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी, जो प्रशासन के प्रति जनता के भरोसे का प्रतीक रही।
जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान
सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन नौतनवा तहसील में जनता और प्रशासन के बीच एक सेतु के रूप में उभरा। डीएम और एसपी की सक्रिय भागीदारी ने न केवल समस्याओं के समाधान को गति दी, बल्कि अधिकारियों को भी जवाबदेही के प्रति सजग किया। यह आयोजन प्रशासन की जन-केंद्रित कार्यप्रणाली का जीवंत उदाहरण बनकर उभरा।