

उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसवे प्रदेश बनाने की दिशा में योगी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसवे प्रदेश बनाने की दिशा में योगी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को मिशन मानते हुए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) ने चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे का खाका तैयार कर लिया है। इस योजना के मुताबिक चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण 18 महीने में पूरा हो जाएगा। इस पर 514 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 15.175 किलोमीटर होगी। इसे फोर लेन बनाया जाएगा, जिसे बाद में बढ़ाकर 6 लेन किया जा सकेगा। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इससे चित्रकूट आने वाले तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय लोगों को काफी सुविधा होगी। चित्रकूट एक धार्मिक नगरी मानी जाती है और यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। भगवान राम से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं के चलते यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं ईपीसी मोड पर होगा निर्माण, गुणवत्ता पर रहेगा विशेष ध्यान
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) मोड पर किया जाएगा। इसमें कैरिजवे का निर्माण, आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम, एडवांस लाइटिंग, लेन मार्किंग और ओवरहेड साइन जैसे कार्य शामिल होंगे। पुल, फ्लाईओवर, अंडरपास और ओवरपास के सेक्शन भी तैयार होंगे। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे पर कर्ब मार्किंग, ट्रैफिक साइन, किलोमीटर बोर्ड और फेंसिंग का काम भी पूरा किया जाएगा।
एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यूपीडा ने गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र लागू किया है। इससे निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी हो सकेगी। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की भी कई स्तरों पर जांच की जाएगी। निर्माण के लिए मास्टर प्लान, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और अन्य जरूरी प्रक्रियाएं जुलाई से शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे को इस तरह बनाया जाएगा कि इस पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन आसानी से दौड़ सकेंगे। एक्सप्रेस-वे पर 40 मीटर चौड़ा कैरिजवे होगा। इसके अलावा 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनेगी। पुलों के पास 200 मीटर लंबी और 7 मीटर चौड़ी सर्विस रोड बनेगी। यात्रियों की सुविधा के लिए रास्ते के किनारे सुविधाएं, टोल प्लाजा, टॉयलेट ब्लॉक और ट्रक पार्किंग एरिया भी विकसित किए जाएंगे।
यह एक्सप्रेस-वे चित्रकूट के विकास में भी मददगार साबित होगा। चित्रकूट पहले से ही धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र है। भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने अपने 14 साल के वनवास के दौरान यहां काफी समय बिताया था। यहां कामदगिरि पर्वत, जानकीकुंड और गुप्त गोदावरी जैसे धार्मिक स्थल हैं। एक्सप्रेस-वे के निर्माण से देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए चित्रकूट पहुंचना आसान हो जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे न सिर्फ तीर्थयात्रियों की यात्रा को आरामदायक बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के विकास और रोजगार सृजन में भी मददगार साबित होगा।