Chandauli News: राजधानी एक्सप्रेस के इंजन में सवार होकर महाप्रबंधक ने टटोली ट्रैक की नब्ज, दिए कड़े निर्देश

यूपी के चंदौली में पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने यात्रा के दौरान विभिन्न स्टेशनों, ट्रैक, सिगनलिंग प्रणाली, ओवरहेड वायर, बैलास्ट की गुणवत्ता और ट्रैक फिटिंग्स की बारीकी से जांच की।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 10 July 2025, 4:36 PM IST
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Chandauli: पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने बुधवार को पटना से पंडित दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) रेलखंड तक का विस्तृत सुरक्षा निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली जाने वाली तेजस राजधानी एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 12309) के इंजन में लोको पायलट के साथ फुटप्लेट यात्रा की और रेल संरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं की गहन जांच की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस निरीक्षण का उद्देश्य मानसून के दौरान संभावित रेल दुर्घटनाओं को रोकने, ट्रैक की स्थिति की वास्तविक समीक्षा करने और संरक्षा के मानकों का परीक्षण करना था। महाप्रबंधक ने यात्रा के दौरान विभिन्न स्टेशनों, ट्रैक, सिगनलिंग प्रणाली, ओवरहेड वायर, बैलास्ट की गुणवत्ता और ट्रैक फिटिंग्स की बारीकी से जांच की। उन्होंने ट्रैक के एलाइनमेंट, स्क्रीनिंग कार्यों तथा संभावित खतरों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए।

पटना से डीडीयू तक रेल संरक्षा का रियलिटी टेस्ट

निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने विशेष रूप से लोको पायलट और सहायक लोको पायलट की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया। उन्होंने स्टेशन पर सिगनलिंग सिस्टम, लेवल क्रॉसिंग गेटों की स्थिति और सिगनल का आदान-प्रदान कैसे हो रहा है, इन पहलुओं की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने देखा कि लोको पायलट किस प्रकार से कॉशन ऑर्डर का पालन कर रहे हैं और ट्रेन के मोड़ या स्टेशन छोड़ने के समय ‘लुक बैक’ की प्रक्रिया पूरी हो रही है या नहीं।

महाप्रबंधक ने लोको पायलटों को निर्देश दिया कि वे हमेशा पूरी सतर्कता और अनुशासन के साथ कार्य करें, क्योंकि संरक्षा ही रेलवे की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मानसून के मौसम में विशेष सतर्कता आवश्यक है, क्योंकि ट्रैक पर जलभराव, मिट्टी कटाव या स्लिप जैसी घटनाएं संभावित खतरा बन सकती हैं।

महाप्रबंधक ने यह भी स्पष्ट किया कि रेलवे की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षित और समयबद्ध यात्रा सुनिश्चित करना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ट्रैक की देखरेख, इंजीनियरिंग कार्यों में गुणवत्ता, और लोको पायलटों की सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।

पटना से शुरू हुआ यह निरीक्षण डीडीयू जंक्शन तक जारी रहेगा, जिसमें रेलवे सुरक्षा आयुक्त तथा अन्य तकनीकी विशेषज्ञ भी भाग लेंगे। निरीक्षण के दौरान रेलवे अधिकारियों को जहां भी कमियां मिलीं, वहां उन्हें सुधार के लिए निर्देशित किया गया।

पूर्व मध्य रेलवे की इस पहल से यह साफ संकेत गया है कि संरक्षा के प्रति रेलवे प्रशासन अत्यंत गंभीर है और समय-समय पर ऐसी गहन जांच यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है। रेल यात्रियों ने भी इस निरीक्षण का स्वागत करते हुए इसे एक सकारात्मक कदम बताया है।

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