

चंदौली पुलिस और स्वाट टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। 61 किलो से अधिक गांजा की खेप मोबिल ड्रम में छिपाकर वाराणसी ले जाई जा रही थी। दो तस्कर गिरफ्तार, बरामद गांजा की कीमत करीब 20 लाख रुपए आंकी गई।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
Chandauli: स्वाट सर्विलांस टीम और मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के भीतर दूसरी बड़ी गांजा तस्करी की कोशिश को नाकाम कर दिया है। यह कार्रवाई चकिया मोड़ तिराहे पर की गई, जहां पुलिस ने झारखंड नंबर की एक संदिग्ध पिकअप वाहन को रोककर तलाशी ली। जांच के दौरान वाहन में रखे जले हुए मोबिल (इंजन ऑयल) के ड्रम में छिपाकर रखे गए 61 किलो से अधिक गांजा बरामद किए गए।
पुलिस के मुताबिक, यह खेप ओडिशा से तस्करी कर वाराणसी भेजी जा रही थी, जिसे बेहद चतुराई से तैयार किया गया था। तस्करों ने गांजा के 20 बंडलों को मोटर गैरेज से निकाले गए जले हुए मोबिल के ड्रमों में छिपा रखा था, ताकि वह किसी की नजर में न आए।
पकड़े गए दोनों तस्कर बिहार के भोजपुर जिले के निवासी हैं। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे इस खेप को वाराणसी में सप्लाई करने जा रहे थे। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि इस तस्करी रैकेट का नेटवर्क ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैला हो सकता है।
अपर पुलिस अधीक्षक अनंत चंद्रशेखर ने बताया कि बरामद गांजा की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करीब 20 लाख रुपये आंकी गई है। उन्होंने कहा कि इस सफलता का श्रेय सतर्क मुखबिर तंत्र और मुगलसराय पुलिस की त्वरित कार्रवाई को जाता है।
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उन्होंने बताया, 'तस्कर बड़े सुनियोजित ढंग से तस्करी का नया तरीका अपना रहे हैं। जले हुए मोबिल के ड्रम में गांजा छिपाना यह दिखाता है कि अब पुलिस की नजरों से बचने के लिए अपराधी तकनीक और चालाकी का सहारा ले रहे हैं।'
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पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन तस्करों के संपर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। इस गिरोह के नेटवर्क की जानकारी मिलते ही जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस प्रशासन नशे के अवैध व्यापार के खिलाफ पूरी तरह सतर्क और तैयार है। जिले में मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए अब और सख्ती बरती जा रही है।