

समाजसेवा और सांस्कृतिक समरसता की प्रतीक भाजपा नेत्री एवं गुलज़ार फाउंडेशन की प्रमुख एडवोकेट गुलज़ार बानो के जन्मदिन के अवसर पर एक भव्य काव्य संध्या और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में जिले के प्रमुख कवि, साहित्यकार, पत्रकार, और समाजसेवी शामिल हुए और बधाइयों के साथ अपने रचनात्मक विचारों और काव्य प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
केक काटकर मनाया गया जन्मदिन
Barabanki: समाजसेवा और सांस्कृतिक समरसता की प्रतीक भाजपा नेत्री एवं गुलज़ार फाउंडेशन की प्रमुख एडवोकेट गुलज़ार बानो के जन्मदिन के अवसर पर एक भव्य काव्य संध्या और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में जिले के प्रमुख कवि, साहित्यकार, पत्रकार, और समाजसेवी शामिल हुए और बधाइयों के साथ अपने रचनात्मक विचारों और काव्य प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, कार्यक्रम की शुरुआत केक काटकर हुई, जिसके बाद एक से बढ़कर एक साहित्यिक प्रस्तुतियां सामने आईं। कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी एवं कवि प्रदीप सारंग ने किया। उन्होंने मशहूर शायर सुएब अनवर की पंक्तियों "मिशाल देना आसान है, मिशाल बनना कठिन..." के माध्यम से गुलज़ार बानो के सामाजिक योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने माँ की महिमा पर आधारित अपनी रचना से सबको भावविभोर कर दिया।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विनय दास ने गुलज़ार बानो की सामाजिक सक्रियता की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सतत सेवा भावना ने उन्हें एक विशेष पहचान दिलाई है। वहीं प्रसिद्ध शायर फैज खुमार बाराबंकवी ने अपनी शायरी "मैं तेरे साथ जो चल रहा हूं, न जाने कितनों को खल रहा हूं..." के माध्यम से समाज में बदलाव लाने वालों की स्थिति को दर्शाया।
समाजसेवी रत्नेश कुमार ने भी अपनी प्रेरणादायक पंक्तियों "तारीख से भी जिनको निकाला न जा सके, कुछ काम ऐसे करके दिखाओ तो बात है..." से बधाई दी। गीतकार साहब नारायण शर्मा की रचना –
"बेमतलब हर किसी से जलना ठीक नहीं,
दिल में कोई नफरत पलना ठीक नहीं,
आजादी मिल जाए लड़कियों को अच्छा है,
किन्तु दुपट्टे के बिन चलना ठीक नहीं..."
– को श्रोताओं ने भरपूर सराहा।
गीतकार सोहन आज़ाद की पंक्तियाँ "वो हाथों में हाथ क्या देगा, अपने दिल की बात क्या देगा..." ने भी खूब तालियां बटोरीं। कवयित्री किरण भारद्वाज, एडवोकेट लता श्रीवास्तव, हास्य-व्यंग्यकार अनिल श्रीवास्तव 'लल्लू जी', और ओज के कवि दीपक दिवाकर ने भी अपने काव्य पाठ के माध्यम से गुलज़ार बानो को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम में पत्रकार अब्दुल खालिक, ग्रीन गैंग अध्यक्ष सदानंद वर्मा, डॉ. सुहेल, सामरा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने भाग लिया और गुलज़ार बानो को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। पूरे आयोजन में सामाजिक समरसता और साहित्यिक चेतना का अद्भुत संगम देखने को मिला।
गुलज़ार बानो ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्नेह और आशीर्वाद ही उनकी प्रेरणा है, और वे समाज सेवा में इसी तरह समर्पित रहेंगी।
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