

नौतनवा क्षेत्र में करंट की चपेट में आकर किसान राजू यादव की भैंस की मौत हो गई। बिजली विभाग की लापरवाही से किसान को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
करंट की चपेट में आई भैंस
Maharajganj: नौतनवा थाना क्षेत्र के अड्डा बाजार रामनगर चौराहे पर बृहस्पतिवार सुबह लगभग 6 बजे एक बड़ा हादसा हो गया। करंट की चपेट में आने से किसान राजू यादव की भैंस की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की कार्यशैली और लापरवाही को उजागर कर दिया है।
हादसे की पूरी घटना
गुरुवार की सुबह रोजाना की तरह किसान राजू यादव अपनी भैंस को चारा खिलाने के लिए बांध रहे थे। तभी अचानक ऊपर से गुजर रहे जर्जर बिजली तार से करंट जमीन पर उतर आया। कुछ ही पल में भैंस इसकी चपेट में आ गई और मौके पर ही ढेर हो गई। ग्रामीणों ने बिजली विभाग को सूचना दी, लेकिन विभागीय अमले के पहुंचने से पहले ही किसान की भैंस ने दम तोड़ दिया।
किसानों को हो रहा आर्थिक नुकसान
भैंस की मौत से राजू यादव को लगभग 80 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि यह भैंस उनके परिवार की आजीविका का मुख्य सहारा थी। अब इसकी मौत से दूध की आय बंद हो जाएगी और पूरे परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने प्रशासन और सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है।
ग्रामीणों का आक्रोश
घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि अड्डा बाजार और आसपास के गांवों में बिजली की तारें काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं। खंभे भी जगह-जगह झुके हुए हैं, जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं। कुछ महीने पहले भी एक किसान का मवेशी करंट की चपेट में आकर मर चुका है। इसके बावजूद विभाग ने समस्या का समाधान नहीं किया।
बार-बार शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार विभाग से शिकायत की गई, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन देकर टाल दिया गया। नतीजा यह हुआ कि गुरुवार को एक और किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
आंदोलन की चेतावनी
घटना के बाद ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बिजली व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई, तो वे मजबूर होकर आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग सिर्फ बिल वसूलने में सक्रिय रहता है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पर बिल्कुल ध्यान नहीं देता।
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बड़ा सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बिजली विभाग की जिम्मेदारी केवल बिल वसूलने तक ही सीमित है? क्या ग्रामीणों की सुरक्षा और जान-माल की रक्षा से विभाग का कोई सरोकार नहीं? जब तक इन सवालों का जवाब नहीं मिलेगा और जर्जर तारों को बदला नहीं जाएगा, तब तक ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति होती रहेगी।