बिजनौर का मोहम्मद दिलशाद 14 दिन की रिमांड में, 26 साल पहले सऊदी अरब में किया था बड़ा कांड, पढ़ें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के मोहम्मद दिलशाद को 26 साल बाद सऊदी अरब में हत्या के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया। दिलशाद ने जाली पासपोर्ट और कई देशों की यात्रा करके भारतीय और सऊदी अधिकारियों से बचने की कोशिश की थी। अब उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 5 September 2025, 2:54 PM IST
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Bijnor: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले का रहने वाले एक व्यक्ति मोहम्मद दिलशाद ने वर्ष 1999 में सऊदी अरब में एक कांड कर दिया था। अब 26 साल बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोपी को गिरफ्तार किया, गुरुवार को आरोपी को कोर्ट के सामने पेश किया गया। यह मामला एक हत्याकांड से जुड़ा है। आरोपी ने सऊदी अरब में एक हत्या की वारदात को अंजाम दिया था।

2022 में हुआ था सीबीआई का मुकदमा दर्ज

मोहम्मद दिलशाद को 11 अगस्त को भारत लौटते ही दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। उसे सऊदी अरब में अक्टूबर 1999 में हुई एक हत्या के मामले में आरोपी ठहराया गया था, जहां उसने कथित रूप से एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। सीबीआई ने 2022 में मामले की फिर से जांच शुरू की, जिसके बाद यह लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया। दिलशाद ने कई जाली पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2023 तक कई देशों की यात्रा की थी।

26 साल बाद उठा वारदात से पर्दा

यह घटना सऊदी अरब के अलसाली जिले के एक गोदाम की है, जहां काम करने वाले दिलशाद पर हत्या का आरोप लगाया गया था। सऊदी अधिकारियों ने दावा किया था कि दिलशाद ने हत्याकांड के बाद सऊदी अरब छोड़ दिया था और उसने भारत लौटने के लिए गोदाम के मालिक से अनुमति ली थी। सीबीआई ने 26 साल के बाद इस मामले को फिर से खोला और दिलशाद को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

पत्नी की बीमारी बताकर आरोपी वापस लौटा था भारत

सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि दिलशाद ने वर्ष 1999 में सऊदी अरब से भारत वापस जाने के लिए बेताबी दिखाई थी। उसके चेहरे पर चिंता और गहरी उदासी के संकेत थे। वह अपनी पत्नी की बीमारी का हवाला देते हुए छुट्टी पर भारत लौटने के लिए गोदाम मालिक से अनुमति मांगने गया था। हालांकि, एक भारतीय नागरिक के बयान और अन्य सबूतों के बाद दिलशाद को मुख्य संदिग्ध माना गया।

दिलशाद ने कोर्ट में क्या कहा?

दिलशाद ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का विरोध किया है और उसने अपनी तरफ से अदालत में दलीलें दी हैं। उसके वकील ने कहा है कि कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि दिलशाद ने हत्या की थी और यह आरोप केवल एक दोस्त के बयान पर आधारित है। सीबीआई ने अपनी जांच में दिलशाद के खिलाफ कई अपराधों का खुलासा किया है, जिसमें पासपोर्ट बदलने और जाली दस्तावेजों का उपयोग करने की साजिश शामिल है।

अगली सुनवाई 12 सितम्बर को

गुरुवार को दिलशाद को राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसकी जमानत पर बहस हुई। सीबीआई ने अदालत में कहा कि दिलशाद अपराधी है। मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी। अदालत ने दिलशाद को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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