

समाजवादी पार्टी ने अपने तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ें इस वक्त की सबसे बड़ी खबर
सपा ने तीन विधायकों को किया निष्कासित
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा उलटफेर करते हुए अपने तीन विधायकों मनोज पांडेय, अभय सिंह और राकेश प्रताप सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोपों के बाद की गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस बात की जानकारी समाजवादी पार्टी ने अपने एक्स हैण्डल पर दी है। जिसमें कहा गया है "समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में निम्नांकित विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है।"
इस पोस्ट में आगे जानकारी दी गई है कि विधायक गोशाईगंज अभय सिंह, विधायक गौरीगंज राकेश प्रताप सिंह और विधायक ऊंचाहार मनोज कुमार पाण्डेय को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूर्ण हुई, शेष की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी। इसके साथ ही पार्टी ने ये भी कहा कि ये जहां रहें, विश्वसनीय रहें।
लखनऊ: सपा से तीन विधायकों का निष्कासन
➡️सपा ने 3 विधायकों को पार्टी से निकाला
➡️मनोज पांडेय, अभय सिंह और राकेश प्रताप सिंह निष्कासित
➡️पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर हुई कार्रवाई@yadavakhilesh @samajwadiparty #Lucknow #SamajwadiParty #Expulsion pic.twitter.com/ghR8heMLfA— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 23, 2025
किस कारण हुआ निष्कासन?
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों और क्रॉस वोटिंग के आरोप में तीन विधायकों राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और मनोज पांडे को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई डेढ़ साल बाद की गई, जब फरवरी 2024 में हुए राज्यसभा चुनाव में इन विधायकों ने सपा के बजाय बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को वोट दिया था। सपा का कहना है कि यह निर्णय पार्टी की विचारधारा, सिद्धांतों और जनता के बीच विश्वसनीयता बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गौरतलब है कि फरवरी 2024 में उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने 8 और सपा ने 3 उम्मीदवार उतारे थे। सपा के सात विधायकों और सुभासपा के एक विधायक की क्रॉस वोटिंग के कारण बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ को जीत मिली, जबकि सपा के तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन हार गए। क्रॉस वोटिंग करने वालों में राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, मनोज पांडे, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्या शामिल थे। सपा ने राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्या को सुधार का मौका देते हुए अभी कार्रवाई नहीं की, लेकिन तीन विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाया है।
सपा ने निष्कासित विधायकों पर सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने, किसान, महिला, युवा और कारोबारी विरोधी नीतियों का समर्थन करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि इन्हें सुधार का मौका दिया गया, लेकिन वे अपनी गलतियों को सुधारने में असफल रहे।