

महराजगंज के लक्ष्मीपुर ब्लॉक में प्राथमिक शिक्षक संघ का ब्लॉक स्तरीय चुनाव लोकतंत्र का पर्व कम और दंगल ज्यादा साबित हुआ। गुटबाजी और पद की दावेदारी के बीच चुनावी मैदान में उतरे शिक्षक आपस में भिड़ गए। सभागार में कुर्सियाँ टूट गईं, डंडे चले और नारेबाजी के बीच पूरा माहौल अफरा-तफरी में बदल गया। शिक्षकों की यह शर्मनाक हरकत अब जिलेभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
शिक्षक संघ चुनाव में चली कुर्सियाँ और डंडे
Maharajganj: महराजगंज के पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर ब्लॉक सभागार में शनिवार को आयोजित प्राथमिक शिक्षक संघ का ब्लॉक स्तरीय चुनाव उस समय रणभूमि में बदल गया जब पद की दावेदारी और गुटबाजी ने हंगामे का रूप ले लिया। लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने वाले चुनाव में शिक्षकों ने मर्यादा और गरिमा दोनों को ताक पर रख दिया। नतीजा यह हुआ कि सभागार दंगल का अखाड़ा बन गया और आधे घंटे तक जमकर बवाल होता रहा।
महराजगंज में शिक्षक संघ का चुनाव बना जंग का अखाड़ा, जमकर चली कुर्सियाँ और डंडे, घंटो तक मचा कोहराम, शिक्षकों की गरिमा तार-तार, कई घायल, अफरातफरी का माहौल#Maharajganj #Teahers #Election pic.twitter.com/8Qdu5VXF11
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 13, 2025
पर्चा खारिज होने से भड़का विवाद
चुनाव के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अध्यक्ष पद हेतु अख्तर हुसैन, मोहम्मद जावेद खान और मोहम्मद सैयद ने नामांकन किया था। वहीं महामंत्री पद के लिए रामसेवक यादव और ध्रुवनारायण गुप्त ने अपनी दावेदारी पेश की।
विवाद तब खड़ा हुआ जब अख्तर हुसैन ने जावेद खान के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराई। चुनाव अधिकारी चंदन दुबे और दिलीप विश्वकर्मा ने जांच के बाद जावेद खान का पर्चा खारिज कर दिया। इस फैसले से नाराज जिला स्तरीय पदाधिकारियों और समर्थकों में हड़कंप मच गया। थोड़ी ही देर में आरोप-प्रत्यारोप, नोकझोंक और जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई।
मारपीट और तोड़फोड़
विवाद इतना बढ़ा कि हाथापाई शुरू हो गई। देखते ही देखते कुर्सियाँ तोड़ी जाने लगीं। कुछ लोग डंडे लेकर एक-दूसरे पर टूट पड़े। सभागार में अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई। शिक्षक जो समाज में अनुशासन और आदर्श का प्रतीक माने जाते हैं, वही अपनी गरिमा भूलकर खुलेआम आपस में भिड़ गए।
करीब आधे घंटे तक पूरा ब्लॉक परिसर जंग का मैदान बना रहा। इस दौरान न केवल सभागार की कुर्सियाँ टूटीं बल्कि लोकतंत्र का मजाक भी उड़ता रहा।
मौके पर रहे बड़े पदाधिकारी भी बेबस
इस पूरे हंगामे के दौरान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार मिश्र और जिलाध्यक्ष बलराम निगम भी मौके पर मौजूद रहे। हालांकि उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन गुटबाजी के चलते उनकी अपीलों को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। अंततः पूरा कार्यक्रम अव्यवस्था और मारपीट की भेंट चढ़ गया।
पुलिस में तहरीर, जांच शुरू
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई। पुरन्दरपुर थाना प्रभारी मनोज राय ने बताया कि मामले में एक पक्ष से तहरीर मिली है और जांच की जा रही है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों की छवि पर सवाल
चुनाव में हुई इस शर्मनाक घटना ने समाज में शिक्षकों की छवि पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिन्हें बच्चों को शिक्षा और अनुशासन सिखाना चाहिए, वे खुद डंडों और कुर्सियों से लड़ते दिखाई दिए। जिलेभर में इस घटना को लेकर चर्चा है कि शिक्षक अगर खुद अपनी गरिमा बचाने में असफल हो रहे हैं तो बच्चों को क्या शिक्षा देंगे?
चुनाव व्यवस्था सवालों के घेरे में
यह बवाल चुनाव प्रक्रिया और व्यवस्थाओं पर भी सवालिया निशान छोड़ गया है। सवाल उठ रहा है कि जब विवाद की आशंका पहले से थी तो पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए गए? चुनाव अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन उनकी मौजूदगी में ही इतना बड़ा हंगामा हो गया।
कुल मिलाकर लक्ष्मीपुर ब्लॉक का यह चुनाव लोकतंत्र की गरिमा और शिक्षकों की प्रतिष्ठा दोनों को धूमिल कर गया। अब देखना यह होगा कि पुलिस जांच के बाद किन-किन लोगों पर कार्रवाई होती है और शिक्षक संघ इस काले धब्बे से अपनी साख कैसे बचाता है।
इस पूरी घटना को लेकर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने डाइनामाइट न्यूज संवाददाता से बातचीत के दौरान बताया कि कोई शिक्षक घायल नहीं है और मैं वहां से घर चले आया हूं हमें जानकारी नहीं है।