

गोरखपुर में अवैध दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह पर गिरी गाज, हिस्ट्रीशीटर गैंग लीडर विनोद माली समेत पत्नी पर गैंगस्टर में किया गया केस दर्ज। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करन नय्यर के निर्देश और पुलिस अधीक्षक नगर व सीओ गोरखनाथ की देखरेख में शाहपुर थाना पुलिस ने यह कार्रवाई की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करन नय्यर
Gorakhpur: गोरखपुर में संगठित अपराध पर नकेल कसने के अभियान में शाहपुर पुलिस ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए लोगों से पैसे ठगने वाले गिरोह के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। गैंग लीडर हिस्ट्रीशीटर विनोद माली उर्फ विजयशंकर माली और उसकी पत्नी अनुसुइया देवी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कर गिरोह पर शिकंजा कस दिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करन नय्यर के निर्देश और पुलिस अधीक्षक नगर व सीओ गोरखनाथ की देखरेख में शाहपुर थाना पुलिस ने यह कार्रवाई की। गिरोह पर आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में फ्लैट दिलाने के नाम पर खुद को जीडीए का अधिकारी बताकर पीड़ित से पैसे ऐंठ लिए और फर्जी अलॉटमेंट पेपर थमा दिए। जब पीड़ित ने पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने मारपीट कर गाली-गलौज करते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी।
इस मामले में शाहपुर थाना पर पहले से ही विनोद माली और उसकी पत्नी पर IPC की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 323, 504, 506, 120B के तहत मुकदमा दर्ज है। अब संगठित अपराधों और आमजन में फैलाए गए आतंक को देखते हुए दोनों के खिलाफ थाना शाहपुर पर मुकदमा संख्या 357/2025, धारा 2 (ख)(I)(VIII)(XI)/3(1) गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
लंबा आपराधिक इतिहास
विनोद माली पर 1996 से लेकर अब तक NDPS, लूट, धोखाधड़ी, चोरी, गैंगस्टर समेत 16 से अधिक संगीन मुकदमे गोरखपुर, लखनऊ, देवरिया और गोंडा में दर्ज हैं। इसके अलावा 2024 में ही शाहपुर और सहजनवां थाने में धोखाधड़ी व मारपीट के दो नए मामले दर्ज हो चुके हैं।
पत्नी भी गैंग में सक्रिय
अनुसुइया देवी पर भी 2024 में शाहपुर और सहजनवां थाने में धोखाधड़ी, मारपीट, धमकी समेत गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस की मानें तो यह पति-पत्नी संगठित गिरोह बनाकर अवैध कमाई के लिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर लोगों से पैसे ठगने और विरोध करने पर धमकाने का काम करते थे।
पुलिस का कहना है कि दोनों की गतिविधियों से आमजन में भय का माहौल था, इसलिए जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर के अनुमोदन पर गैंग चार्ट तैयार कर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। पुलिस अब इनके नेटवर्क की पूरी कुंडली खंगाल कर अन्य पीड़ितों की शिकायत भी दर्ज करने की तैयारी कर रही है।