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बांदा जिले में बेमौसम बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कांग्रेस कमेटी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जिले को आपदाग्रस्त घोषित करने और प्रभावित किसानों को तत्काल आर्थिक सहायता देने की मांग की है। समिति ने कहा कि किसान पहले से खाद की समस्या से जूझ रहे थे।
कांग्रेस कमेटी ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
Banda: बांदा, बुंदेलखंड का एक प्रमुख जिला, जो कि इन दिनों प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। पिछले कई दिनों से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में लहलहाती फसलें अब पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं। ऐसे में जिला कांग्रेस कमेटी ने किसानों की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है और सोमवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जिले को आपदाग्रस्त घोषित करने और प्रभावित किसानों को तत्काल आर्थिक सहायता देने की मांग की गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कांग्रेस कमेटी ने अपने ज्ञापन में कहा कि बांदा जनपद पहले से ही पिछड़ा और सूखा प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। यहां लगभग 80 प्रतिशत आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है। लेकिन बीते पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश ने धान, अरहर, मूंगफली, सब्जियों जैसी प्रमुख फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा से जिले के किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
समिति ने यह भी उल्लेख किया कि किसान पहले से ही खाद और बीज की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे। ऊपर से बेमौसम बारिश ने उनकी कमर तोड़ दी है। कई किसानों के खेतों में तैयार फसलें पानी में डूब गई हैं, जबकि कुछ की फसलें कटाई से पहले ही सड़ने लगी हैं। इससे किसानों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है और वे अगली फसल बोने की स्थिति में नहीं रह गए हैं।
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कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि वे तत्काल सभी तहसीलों और ग्राम पंचायतों में सर्वेक्षण कराएं ताकि नुकसान का सही आकलन किया जा सके। ज्ञापन में कहा गया है कि जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं, उन्हें शीघ्र राहत राशि दी जाए ताकि वे दोबारा खेती कर सकें। इसके अलावा समिति ने यह भी मांग की कि जिले को आपदाग्रस्त घोषित कर सरकार राहत पैकेज जारी करे।
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने कहा, “यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि किसानों की आजीविका पर गहरा प्रहार है। सरकार को तुरंत हरकत में आना चाहिए। अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो किसान कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे।”
स्थानीय किसानों ने भी बताया कि बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। कुछ किसानों का कहना है कि उन्होंने उधार लेकर फसल तैयार की थी, अब जब पूरा खेत बर्बाद हो गया है, तो उन्हें समझ नहीं आ रहा कि बैंक और साहूकारों का पैसा कैसे लौटाएं।
कांग्रेस कमेटी ने यह भी कहा कि किसानों की पीड़ा को नजरअंदाज करना अन्याय होगा। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि इस मामले को प्राथमिकता पर लेते हुए प्रभावित परिवारों को राहत दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।बांदा के ग्रामीण इलाकों में किसान अब भी आसमान की ओर नजरें गड़ाए बैठे हैं, उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी सुध लेगी और उन्हें फिर से अपने खेतों में मेहनत करने का अवसर मिलेगा।