जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण का उद्देश्य कार्यालयीन कार्यप्रणाली की वास्तविक स्थिति का आकलन करना तथा व्यवस्थाओं को और अधिक पारदर्शी, समयबद्ध एवं प्रभावी बनाना रहा।

डीएम विपिन जैन ने निरीक्षण किया
Balrampur: जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मकसद कार्यालय की कार्यप्रणाली का वास्तविक आकलन करना और उसे और अधिक पारदर्शी, समयबद्ध और प्रभावी बनाना था। जिलाधिकारी ने अलग-अलग कार्यों की गहरी समीक्षा की और कुछ जरूरी सुधारों के लिए निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यालय के हर पहलू का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने पत्रावलियों की सही क्रमबद्ध नंबरिंग, फाइलों के रखरखाव और अपडेटेड अभिलेखों पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि सभी अभिलेखों का व्यवस्थित रखरखाव किया जाए। जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता बनी रहे। जनता और कर्मचारियों के मामलों का त्वरित निस्तारण हो सके।
जिलाधिकारी ने शिक्षकों से जुड़े लंबित मामलों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि जीपीएफ, वेतन, पेंशन और अन्य देयकों का भुगतान समय पर किया जाए। इसके अलावा मृतक आश्रित मामलों का निस्तारण करने के निर्देश भी दिए गए।
जिलाधिकारी ने बीएसए कार्यालय भवन की भौतिक स्थिति का भी निरीक्षण किया। उसकी रंगाई-पुताई कराए जाने की बात कही। उन्होंने कार्यालय परिसर को और अधिक स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए भी निर्देश दिए। उनका मानना था कि एक साफ-सुथरा और आकर्षक कार्यस्थल कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाता है। आगंतुकों को भी अच्छा अनुभव होता है।
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निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बीएसए कार्यालय परिसर में स्थित राजकीय पुस्तकालय का भी गहन निरीक्षण किया। उन्होंने पुस्तकालय के निरीक्षण और आधुनिकीकरण की दिशा में कई निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि पुस्तकालय को 'State-of-the-Art' स्वरूप में विकसित किया जाए। जिसमें 100 से ज्यादा छात्र एक साथ अध्ययन कर सकें। इसके अलावा छात्रों की शैक्षणिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए निशुल्क वाई-फाई, बेहतर प्रकाश व्यवस्था और आधुनिक फर्नीचर की व्यवस्था की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि पुस्तकालय को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए। वहां प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें और डिजिटल संसाधन भी उपलब्ध करवाए जाएं। उनका मकसद था कि यह पुस्तकालय विद्यार्थियों के समग्र बौद्धिक विकास का केंद्र बने।