Bahraich News: इंटर्न डॉक्टरों को जबरन हॉस्टल खाली कराने का आदेश, जानें क्या है पूरा मामला

महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न केवल मेडिकल कॉलेज की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज पर

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 24 June 2025, 7:56 PM IST
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बहराइच: महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न केवल मेडिकल कॉलेज की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पूरे प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कॉलेज के 2020 बैच के एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों ने डीजीएमई लखनऊ को एक विस्तृत शिकायत भेजते हुए प्राचार्य और प्रशासन पर मानसिक उत्पीड़न, धमकी, जातिवादी और लैंगिक टिप्पणी, सुरक्षा में लापरवाही और अधिकारों के हनन जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक,  19 जून को जारी आदेश में प्राचार्य ने सभी इंटर्न डॉक्टरों को 22 जून तक हॉस्टल खाली करने का निर्देश दे दिया। छात्रों का आरोप है कि उन्हें कोई कारण नहीं बताया गया, कोई नोटिस या अनुशासनात्मक जांच नहीं हुई। डॉक्टर्स ने कॉलेज की मेस में मिल रहे गंदे, अस्वास्थ्यकर भोजन, और रात की ड्यूटी के दौरान भोजन की अनुपलब्धता पर शिकायत की थी। इसी के बाद प्रशासन ने उनके खिलाफ “बदले की कार्रवाई” शुरू कर दी।

महिला डॉक्टरों की सुरक्षा 

शिकायत में बताया गया कि महिला इंटर्न डॉक्टरों को रात में ड्यूटी करनी पड़ती है, लेकिन कॉलेज में कोई महिला सुरक्षा गार्ड नहीं, शौचालय की सुविधा नहीं, और न ही पीने के पानी की उचित व्यवस्था है। रात की ड्यूटी में बाहर जाना पड़ता है, लेकिन कोई गार्ड नहीं होता। डर और असहायता में ड्यूटी करनी पड़ती है इंटर्न्स का आरोप है कि शिकायतों के बाद प्राचार्य ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

शिकायत में दर्ज प्राचार्य के कथित बयान:
“तुम RG केस जैसी लड़कियों के साथ हो, इसलिए बाहर वालों को खुद बुलाती हो।”“अगर अच्छा चाहिए था तो AIIMS चले जाते, यहां मेरी मर्जी से ही सब चलेगा।”

अन्य चौंकाने वाली शिकायतें:

स्टाइपेंड रोकने की धमकी ,खराब खाने के बावजूद जबरन शुल्क वसूली खेलकूद में भाग न लेने पर 3000 तक का दंड,
तीन-तीन छात्रों को एक छोटे हॉस्टल रूम में ठूंसने की व्यवस्था
बिना वेंटिलेशन के क्लासरूम, जिससे छात्र लगातार बीमार पड़ रहे हैं

प्रशासन का पक्ष – “मेस व्यवस्था में बाधा डालने वालों को हटाया”

कॉलेज द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि कुछ इंटर्न डॉक्टरों ने मेस संचालन में बाधा डाली, जिससे अन्य छात्रों को परेशानी हुई, इसलिए उन्हें हॉस्टल से हटाया गया। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह आरोप बेहद झूठा और दुर्भावनापूर्ण है।
“हमने सिर्फ खराब खाने और बदतर सुविधाओं की शिकायत की थी, उसका जवाब हमारे करियर और इज्जत के साथ खेलकर दिया जा रहा है।”

अब DGME के पास पहुंचा मामला, मेडिकल छात्रों में आक्रोश

यह पूरा प्रकरण अब डीजीएमई (लखनऊ) तक पहुंच चुका है। प्रदेशभर के मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टर्स में रोष बढ़ता जा रहा है। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला प्रदेशव्यापी छात्र आंदोलन का रूप ले सकता है।

इंटर्न डॉक्टर बोले:
“हमने सफेद कोट सेवा के लिए पहना है, गुलामी सहने के लिए नहीं। हमारी मांगें केवल हमारे लिए नहीं, भविष्य की पीढ़ियों के लिए हैं।”

 

 

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