

बदायूं के बिनावर थाना क्षेत्र के सेमर मई गांव में पुलिस दबिश के दौरान गलत घर पहुंची और बेगुनाह ग्रामीण शाकिर अली को हड़काया। घबराकर भागे शाकिर की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया। गांव में आक्रोश, मामले की जांच जारी है।
पुलिस की मनमानी का नया मामला
Badaun: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के बिनावर थाना क्षेत्र के सेमर मई गांव में पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं। बीती देर रात दबिश देने की कोशिश के नाम पर पुलिस किसी दूसरे के घर चली गई और एक बेगुनाह ग्रामीण शाकिर अली को सोते समय हड़काया। जब वह भागने लगा तो पुलिस ने पीछा कर उसे पकड़ा, जिससे परिवार और गांव वालों में आक्रोश फैल गया।
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने सिर्फ शाकिर अली ही नहीं बल्कि एक और युवक के साथ भी मारपीट की। वे आरोप लगा रहे हैं कि दबिश की वजह से उनका घर-परिवार डर गया। बेगुनाह लोगों को निशाना बना कर पुलिस ने बदनाम करने का प्रयास किया है, जिससे भरोसा टूट रहा है।
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पुलिस ने इस घटना पर दो लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ शुरू की है। बदायूं के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामला संज्ञान में आ गया है। उन्होंने कहा कि मृतक का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और जांच पड़ताल के बाद न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
Badaun Breaking: बदायूं के सेमर मई गांव में पुलिस ने दबिश के नाम पर बेगुनाह शाकिर अली को सोते हुए हड़काया और पकड़ लिया, जिससे परिवार और गांव में गुस्सा फैल गया।#Badaun #UPPolice #LawAndOrder #BreakingNews pic.twitter.com/VRVUiOof45
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 16, 2025
बिनावर पुलिस की कार्यप्रणाली अब सवालों में है। ग्रामीण और स्थानीय लोग शिकायत कर रहे हैं कि इस तरह की दबिशें और मारपीट आम होती जा रही है, और पुलिस द्वारा कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन हो रहा है। शिकायत है कि अधिकारियों की अनदेखी और दबाव का सामना कर आम आदमी डर की जिंदगी जी रहा है।
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घटना ने दिखाया है कि कानून व्यवस्था में सुधार की कितनी आवश्यकता है। पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीण रिपोर्टिंग के साथ मीडिया और न्यायालय की निगरानी भी चाहते हैं ताकि पुनरावृत्ति न हो सके। सेमर मई गांव में पुलिस की कथित गलती ने एक दिल दहला देने वाला हादसा पैदा किया, ग्रामीणों ने पुलिस पर अन्याय का आरोप लगाया, और अब उजागर हो रही है कि कैसे एक दबिश से पूरे समाज में भय फैलता है। न्याय की आस बनी हुई है लेकिन कार्रवाई अभी बाकी है।