लखनऊ में आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़ा, एसटीएफ ने मास्टरमाइंड समेत सात को दबोचा

लखनऊ में एसटीएफ ने आयुष्मान भारत योजना के नाम पर चल रहे बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फर्जी कार्ड बनाकर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया जा रहा था। एसटीएफ के अधिकारी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 26 December 2025, 6:10 AM IST

Lucknow: लखनऊ में एक साइबर ठगी का ऐसा खेल सामने आया है। जिसमें गरीब और जरूरतमंद लोगों की बीमारी को कमाई का जरिया बना लिया गया। आयुष्मान भारत योजना के नाम पर फर्जी पहचान और तकनीकी जाल बिछाकर सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा था। इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने लखनऊ से गिरोह के मास्टरमाइंड समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

STF की बड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश एसटीएफ को इनपुट मिला था कि कुछ साइबर कैफे संचालक और तकनीकी जानकार मिलकर आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर रहे हैं। जांच में सामने आया कि आरोपी अपात्र लोगों की फैमिली आईडी में हेरफेर कर, ओटीपी बाईपास करके ISA और SHA पोर्टल के जरिए फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड अप्रूव करा रहे थे। इन कार्डों के जरिए सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट नेटवर्क अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिखाकर सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा था।

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24 दिसंबर की रात करीब साढ़े दस बजे एसटीएफ टीम ने गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र में दबिश देकर गिरोह के मास्टरमाइंड समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, आधार कार्ड, पैन कार्ड, चेकबुक, पासबुक और फर्जी आयुष्मान कार्ड बरामद किए गए। आरोपियों के पास से नकदी और एक कार भी जब्त की गई है।

ऐसे चलता था फर्जीवाड़ा

पूछताछ में मास्टरमाइंड ने बताया कि उसने साइबर कैफे के जरिए इस नेटवर्क की शुरुआत की थी। अस्पतालों में इलाज के दौरान आयुष्मान कार्ड बनाने के पोस्टर और संपर्क नंबरों के जरिए मरीजों को फंसाया जाता था। प्रति कार्ड 2500 से 6 हजार रुपये तक की वसूली की जाती थी। इसके बाद में नेटवर्क बढ़ने पर ISA और SHA से जुड़े लोगों की मिलीभगत से हजारों फर्जी कार्ड बना दिए गए।

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पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

एसटीएफ के मुताबिक इसी गिरोह के दो सदस्यों को पहले प्रयागराज से गिरफ्तार किया जा चुका है। अब तक करीब दो हजार से ज्यादा फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की बात सामने आई है। नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है।

कानूनी कार्रवाई

एसटीएफ के अधिकारी ने बताया कि इस पूरे मामले में साइबर क्राइम थाना लखनऊ में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। आने वाले दिनों में इस रैकेट से जुड़े और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

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  • Lucknow

Published : 
  • 26 December 2025, 6:10 AM IST