

भाजपा नेत्री अपर्णा यादव ने बुलंदशहर में आरएसएस के इतिहास को विश्वविद्यालयों में पढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ‘बचकानी हरकतों’ के लिए निशाना साधा। उन्होंने देश में राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता और कड़े फैसलों की वकालत की।
अपर्णा यादव पहुंची बुलंदशहर
Bulandshahr: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेत्री अपर्णा यादव ने शुक्रवार शाम बुलंदशहर में एक निजी कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और देश की राजनीति को लेकर कई अहम बयान दिए। उन्होंने देश के विश्वविद्यालयों में RSS का इतिहास पढ़ाए जाने की वकालत की और कहा कि यह आवश्यक है कि हर नागरिक संघ की विचारधारा और योगदान को समझे।
आरएसएस का मतलब क्या है?
अपर्णा यादव ने कहा कि RSS देश का ऐसा एकमात्र संगठन है जिसने सौ वर्ष पूरे कर लिए हैं और यह संगठन किसी एक जाति या वर्ग तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इतिहास प्रत्येक विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाना चाहिए, जिससे लोग यह जान सकें कि इसकी नींव किन सिद्धांतों पर रखी गई थी। संघ एक ऐसा संगठन है जो हर वर्ग, जाति और समुदाय के लोगों को जोड़ता है।"
अपर्णा यादव ने राहुल गांधी पर किया हमला
उन्होंने यह भी बताया कि आरएसएस के स्वयंसेवक उन क्षेत्रों में भी काम करते हैं जहां सरकार की पहुंच नहीं होती। उनके अनुसार यह संगठन समाज सेवा, शिक्षा, आपदा प्रबंधन और सांस्कृतिक जागरूकता जैसे क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाता है। कार्यक्रम के दौरान अपर्णा यादव ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सदन का सदस्य होने का मतलब यह नहीं है कि कोई भी व्यक्ति देश की छवि को खराब करने वाला बयान दे। उन्होंने राहुल गांधी की टिप्पणियों को 'बचकाना' और 'गैर जिम्मेदाराना' करार देते हुए उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े किए।
राहुल गांधी पर हमला
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि संसद में बैठना एक जिम्मेदारी है, न कि सिर्फ बयानबाज़ी का मंच। देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर धूमिल करना एक गंभीर अपराध जैसा है।”
पाकिस्तान का समर्थन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
अपर्णा यादव ने बरेली में हाल ही में की गई एक कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि भारत में रहते हुए पाकिस्तान का समर्थन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत में रहने वाले अधिकांश मुस्लिम भारत को अपना देश मानते हैं और देश के लिए अपनी जान देने को तैयार रहते हैं।
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भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र
धर्मनिरपेक्षता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और यह किसी एक पंथ, धर्म या संप्रदाय के अनुसार नहीं चल सकता। पूजा-पद्धति हर व्यक्ति का निजी मामला है। इसे सार्वजनिक रूप से भय या शक्ति प्रदर्शन का माध्यम नहीं बनाना चाहिए।” उन्होंने ईद और रोजा इफ्तार पार्टियों के आयोजन में 'आई लव मोहम्मद' जैसे नारों का संदर्भ देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों में डर का माहौल बनाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।
2027 के विधानसभा चुनाव का जिक्र
राजनीतिक भविष्य को लेकर उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनावों का जिक्र किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा एक बार फिर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि देश की जनता विकास और स्थिरता को महत्व देती है और भाजपा इसी दृष्टिकोण से आगे बढ़ रही है।