

देवरिया के रुद्रपुर में अमृत सरोवर योजना के तहत सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग सामने आया है। ग्रामीणों ने की जांच की मांग। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की खास खबर
अमृत सरोवर योजना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश
Deoria: देवरिया जिले के विकासखंड रुद्रपुर की ग्राम सभा जमीरा में अमृत सरोवर योजना के नाम पर सरकारी धन की खुलेआम लूट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह योजना, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देना था, अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने जब जमीरा गांव का दौरा किया, तो वहां का नजारा चौंकाने वाला था। जिस तालाब को अमृत सरोवर योजना के तहत मॉडल तालाब के रूप में विकसित किया जाना था, वहां केवल एक अर्ध-निर्मित गड्ढा ही नजर आया।
मौके पर मिली अनियमितताएं
दरअसल, ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2024-25 में इस तालाब को अमृत सरोवर योजना के लिए चिह्नित किया गया था। योजना के तहत तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, चारों ओर बाउंड्री वॉल, इंटरलॉकिंग, वृक्षारोपण, शुद्ध पेयजल और प्रकाश व्यवस्था जैसे कार्य होने थे। लेकिन मौके पर न तो बाउंड्री वॉल थी, न इंटरलॉकिंग, न ही वृक्षारोपण और न ही कोई रास्ता। यहां तक कि योजना का नाम दर्शाने वाला बोर्ड भी गायब था। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब के नाम पर केवल गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया और बाकी धन को हजम कर लिया गया।
ग्राम प्रधान ने किया टालमटोल
वहीं जब डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने ग्राम प्रधान राजन यादव से इस बारे में जानकारी लेने की कोशिश की, तो उन्होंने टालमटोल करते हुए कोई जवाब देने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान, तकनीकी सहायक और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। ग्राम पंचायत स्तर पर भूमि प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के रूप में राजन यादव, सचिव महेंद्र गोड और अन्य सदस्यों ने कागजों पर तालाब का प्रस्ताव तो तैयार किया, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने लगाया आरोप
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि तालाब तक पहुंचने के लिए कोई सार्वजनिक रास्ता नहीं है, जिससे इसकी उपयोगिता शून्य है। न ही वहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है और न ही प्रकाश की। ग्रामीणों ने इस मामले को गंभीर बताते हुए जिला प्रशासन से तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस खोजी रिपोर्ट ने एक बार फिर साबित किया है कि भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। जनहित में इस मामले की गहन जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।।