

उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या के वैवाहिक विवाद ने अब कानूनी रूप ले लिया है। सफाईकर्मी आलोक मौर्या ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता मांगा है। आलोक ने कहा कि उनकी आमदनी बहुत कम है और PCS अधिकारी पत्नी से अलग रह रहे हैं, जिससे जीवन यापन में कठिनाई हो रही है।
आलोक मौर्या और ज्योति मौर्या
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आलोक मौर्या ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पत्नी और पीसीएस अफसर ज्योति मौर्या से गुजारा भत्ता की मांग की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, आलोक का कहना है कि उनकी पत्नी एक वरिष्ठ अधिकारी हैं और अच्छी आय अर्जित करती हैं, जबकि उनकी आमदनी बहुत सीमित है। दोनों के बीच वैवाहिक विवाद लंबित है और अब अलगाव की स्थिति में अदालत से गुजारा भत्ता दिलाने की गुहार लगाई गई है। हाईकोर्ट की जस्टिस अरिंदम सिन्हा और डॉ. वाईके श्रीवास्तव की बेंच ने इस मामले में ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 8 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है।
पारिवारिक अदालत से याचिका हुई थी खारिज
इससे पहले आलोक मौर्या ने परिवार न्यायालय में भी गुजारा भत्ता के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन वहां से यह अर्जी खारिज कर दी गई। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया है। आलोक के अनुसार मैंने पत्नी की पढ़ाई-लिखाई में आर्थिक व मानसिक सहयोग दिया। PCS बनने तक का सफर मिलकर तय किया, लेकिन अब वह मुझे ही छोड़ चुकी हैं। मेरी आर्थिक स्थिति कमजोर है और मुझे आजीविका चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
ज्योति-आलोक विवाद की पृष्ठभूमि
यह मामला जुलाई 2023 में तब सुर्खियों में आया, जब आलोक मौर्या ने अपनी पत्नी पर होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के साथ अवैध संबंध होने का गंभीर आरोप लगाया था। आलोक ने दावा किया था कि ज्योति और मनीष दुबे के बीच अश्लील चैटिंग देखी थी। दिसंबर 2022 में उन्होंने लखनऊ के होटल मैरियट में दोनों को रंगे हाथ पकड़ने का भी दावा किया था। विवाद बढ़ने पर मनीष दुबे को निलंबित कर दिया गया, हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने उनके निलंबन पर रोक लगा दी थी।
2015 में बनी PCS अधिकारी
ज्योति और आलोक मौर्या की शादी 2010 में हुई थी। आलोक पहले से सरकारी सेवा में थे और उन्होंने अपनी पत्नी की पढ़ाई, कोचिंग आदि में पूरा सहयोग किया। 2015 में ज्योति मौर्या का पीसीएस में चयन हुआ और उन्होंने महिलाओं में तीसरी रैंक और ओवरऑल 16वीं रैंक हासिल की। उसी साल जुड़वां बेटियों का जन्म भी हुआ। 2020 तक जीवन सामान्य रूप से चल रहा था, लेकिन उसी साल से रिश्ता तनावपूर्ण हो गया।
गंभीर आरोप और धमकियों का दावा
आलोक मौर्या का आरोप है कि पत्नी ने उन्हें बार-बार झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। एक बार 376 का केस दर्ज कराने की धमकी, तो दूसरी बार तलाक न देने पर जान से मारने की चेतावनी दी गई। उन्होंने कहा विरोध करने पर पत्नी ने मुझ पर दहेज उत्पीड़न का फर्जी केस दर्ज कराया, जिससे मेरी नौकरी भी खतरे में पड़ गई।
क्या है अगला कदम?
हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई अब 8 अगस्त को होनी है। मामले में ज्योति मौर्या को नोटिस भेजा जा चुका है, जिससे स्पष्ट है कि अब कानूनी लड़ाई एक नए मोड़ पर पहुंच गई है।