

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी नेता आजम खान को डूंगरपुर कॉलोनी में कथित जबरन बेदखली मामले में 10 साल की सजा पर रोक लगाते हुए जमानत दी। यह जमानत उनकी अपील पर दी गई, जिसमें उन्होंने MP/MLA कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा है।
आजम खान
Allahabad: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (10 सितंबर 2025) समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को रामपुर के डूंगरपुर कॉलोनी में कथित बलपूर्वक बेदखली मामले में जमानत दे दी है। यह फैसला विशेष MP/MLA कोर्ट द्वारा सुनाई गई 10‑साल की सजा को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई के दौरान आया।
न्यायमूर्ति समीर जैन ने आजम खान की अपील पर यह राहत दी है। वे तभी रिहा हो सकेंगे जब हाईकोर्ट की शर्तें और आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाए। साथ ही, ठेकेदार बरकत अली की भी मुश्किल तस्वीर बनी हुई है—उनकी 7‑साल जेल की सजा पर सुनवाई भी इसी अपील के साथ चल रही है।
आजम खान की ओर से दायर अपील को रखा सुरक्षित, ये रही बड़ी वजह
सन 2016 में डूंगरपुर कॉलोनी के निवासी अब्रार ने गंज थाने में आजम खान, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली के खिलाफ केस दर्ज कराया। आरोप था कि उन्होंने मारपीट कर घर गिराया और जान से मारने की धमकी दी।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 10, 2025
MP/MLA कोर्ट ने मई 2024 में आजम खान को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई, जबकि बरकत अली की सजा 7 साल थी। हाईकोर्ट ने अब इस आपराधिक अपील पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा है; सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला आने वाला है।
आजम खान और बरकत अली की सुनवाई के साथ, अब इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा फैसला आने तक जमानत बनी रहेगी। सुनवाई में मुख्य मोर्चा सजा की वैधता और केस में देरी का था—आजम खान के वकीलों ने FIR में विलंब और मामले की वैधता पर सवाल उठाए थे। फैसला आने पर स्थिति और साफ होगी क्या सजा बरकरार रहेगी या रद कर दी जाएगी, यह आने वाले दिनों का विषय है। इलाहाबाद HC ने आजम खान को डूंगरपुर मामले में जमानत दी। MP/MLA कोर्ट की 10‑साल की सजा को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। अपील सुनवाई पूरी हो चुकी है।