

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 18 हजार एफिडेविट में से सिर्फ 14 का जवाब दिया गया। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और पीडीए वर्ग के अधिकारों के हनन को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
अखिलेश यादव
Lucknow: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रशासनिक तंत्र के हर स्तर पर गठजोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद वह हमारे द्वारा दिए गए 18,000 एफिडेविट में से सिर्फ 14 एफिडेविट को ही जवाब दे पाई है।
लखनऊ में मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने कहा, “न चलेगी हकमारी, न मतमारी। इस बार पीडीए सरकार हमारी।” उन्होंने दावा किया कि इस बार पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज एकजुट होकर सपा के पक्ष में है और भाजपा के कथित ‘वोट कटवा’ और 'वोट हटवा' हथकंडों का जवाब जनता देगी। अखिलेश ने जोर देकर कहा कि भाजपा ने पिछड़े वर्गों के अधिकारों को कुचला है और उनके वोट बैंक को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर करने की कोशिश की है।
चुनाव आयोग, डीएम और प्रशासन की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा को चुनाव आयोग से लेकर डीएम, सीओ और यहां तक कि लेखपाल तक का ‘जुगाड़’ प्राप्त है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भाजपा सबकुछ पारदर्शी तरीके से कर रही है तो अब तक सिर्फ 14 एफिडेविट की ही सफाई क्यों दी गई?
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर भी हमला
राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत को लेकर भी अखिलेश यादव ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मरीजों को न तो इलाज मिल रहा है और न ही अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं हैं।
उन्होंने कहा, "प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में बेड, दवाओं और स्टाफ की भारी कमी है। भाजपा सरकार ने नौ साल में सिर्फ कागजों पर विकास किया है, ज़मीनी हकीकत बहुत अलग है।"
उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि मंत्री सिर्फ बयानबाजी तक सीमित हैं और विभाग की वास्तविक समस्याओं से पूरी तरह अनभिज्ञ और उदासीन हैं।
भाजपा पर लगाया जनविरोधी नीतियों का आरोप
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियां जनविरोधी हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, महंगाई और बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं भाजपा राज की पहचान बन चुकी हैं। उन्होंने दावा किया कि पीडीए वर्ग अब भाजपा से पूरी तरह ऊब चुका है और 2026 में प्रदेश में बदलाव तय है।