यूपी की राजनीति में बढ़ा तंज और विवाद: गोरखपुर में जीएसटी पदयात्रा पर विवाद, सोशल मीडिया पर छिड़ा शैंपू विवाद

उत्तर प्रदेश की राजनीति में सीएम योगी की गोरखपुर पदयात्रा को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखा तंज कसा। उन्होंने योगी के ‘शैंपू’ वाले बयान पर सवाल उठाते हुए निजी हमले भी किए। इस विवाद ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 24 September 2025, 3:17 PM IST
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Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय शब्दों के तीखे वाण और निजी हमले जोर पकड़ते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोरखपुर में जीएसटी की कमी का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए पदयात्रा के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनकी एक बातचीत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राजनीति में एक-दूसरे को कटाक्ष और आलोचना का दौर चल रहा है, लेकिन इस बार यह विवाद निजी हमले की शक्ल में भी उभर कर सामने आया है।

गोरखपुर में सीएम योगी की जीएसटी पदयात्रा

सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को गोरखपुर में जीएसटी में आई कटौती का लाभ आम जनता तक पहुंच रहा है या नहीं, यह जानने के लिए पदयात्रा पर निकले थे। इस दौरान वे एक मॉल पहुंचे जहां उन्होंने एक प्रोडक्ट को हाथ में लेकर पूछा कि यह क्या है। मॉल के मैनेजर और गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने उन्हें बताया कि यह बॉडी लोशन है। इस पर सीएम योगी ने मॉल मैनेजर से कटौती की जानकारी ली।

अखिलेश यादव

अखिलेश यादव का शैंपू वाला तंज

इस बातचीत पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा। उन्होंने कहा, “कल मुख्यमंत्री जी एक बोतल उठाकर दिखा रहे थे, उस बोतल में क्या था? क्रीम थी या शैंपू था?” उन्होंने हंसते हुए कहा कि कोई साथी बता रहा है कि शैंपू सस्ता हो गया है इसलिए मुख्यमंत्री शैंपू ले रहे हैं। अखिलेश ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को शैंपू की क्या जरूरत है क्योंकि संत लोग बॉडी लोशन नहीं लगाते, वे भस्म लगाते हैं। उन्होंने कहा कि सॉरी, भस्म लगाते हैं। यह तंज सीएम योगी के बाल मुंडन के बयान पर भी व्यंग्य था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे बालों की सफाई के लिए बाल मुंडवाते रहते हैं।

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जीएसटी पर साधा निशाना

अखिलेश यादव ने जीएसटी पर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि आम जनता की समस्या को समझने में सरकार को नौ साल लग गए। उन्होंने कहा, “आपने जीएसटी गलत लगाई। आपको 9-10 साल लग गए यह समझने के लिए कि रोटी और दूध पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए।” उन्होंने सरकार के प्रचार और इमोशन से चुनाव जीतने की नीतियों पर कटाक्ष किया।

सोशल मीडिया पर छिड़ा विवाद

अखिलेश यादव के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। एक वर्ग ने उनके बयान की कड़ी निंदा की क्योंकि इसे सीएम योगी के बाल मुंडन वाले बयान से जोड़कर देखा गया। कुछ लोगों ने इसे मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी माना। वहीं, कुछ समर्थकों ने इसे राजनीतिक व्यंग्य के रूप में स्वीकार किया।

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  • Lucknow

Published : 
  • 24 September 2025, 3:17 PM IST