

नेपाल में चल रहे राजनीतिक और सामाजिक संकट पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भारत सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं। लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोसी देशों में बार-बार अशांति भारत के लिए चिंता का विषय है।
नेपाल की उथल-पुथल पर बोले अखिलेश
Lucknow: नेपाल में चल रहे अशांति और उथल-पुथल के माहौल को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक अहम बयान देते हुए भारत सरकार की विदेश नीति पर गंभीर सवाल उठाए। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि भारत के पड़ोसी देशों श्रीलंका, बांग्लादेश और अब नेपाल में जो राजनीतिक अस्थिरता दिख रही है, वह भारत की विदेश नीति की विफलता का संकेत है।
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए कि हमारे पड़ोसी देशों और सीमाओं पर शांति बनी रहे। भारत सरकार कई बार अपनी विदेश नीति में असफल रही है- ये हमने देखा है।
नेपाल की उथल-पुथल पर बोले अखिलेश
अखिलेश ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया के चलते सीमाएं समाप्त हो गई हैं और हर देश की आंतरिक स्थिति तेजी से दूसरे देशों में भी असर करती है। नेपाल की स्थिति को केवल एक ही नजरिए से नहीं देखा जा सकता। वहां गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और युवाओं का आक्रोश भी है। सोशल मीडिया पर लोग कई तरह की बातें कर रहे हैं।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब अखिलेश से भारत में चुनावी प्रक्रिया को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अगर ये वोट चोरी से नहीं जीते, तो रिवाल्वर लगाकर जीते। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कुंदरकी चुनाव में जिलाधिकारी और कमिश्नर को निर्देशित किया गया था। रामपुर में चुनाव छीना गया। मीरापुर, अयोध्या में एक मंत्री का आदमी पकड़ा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं रहा और “वोट की डकैती” होती रही तो भारत भी उन देशों की तरह बन सकता है।
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अखिलेश यादव ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वह नेपाल की स्थिति को केवल कूटनीतिक चुप्पी के साथ न देखे, बल्कि सार्थक हस्तक्षेप और संवाद के जरिए स्थिरता कायम करने की दिशा में कदम उठाए। अखिलेश ने आगे कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है। भारत का नेतृत्व तभी सार्थक होगा जब हम अपने पड़ोसी देशों को साथ लेकर चलें, न कि उनसे दूरी बनाएं।