

यूपी और राजस्थान की सीमा पर दर्दनाक हादसा हो गया, जहां चंबल परियोजना के गड्ढे में 8 लोग धंस गए, जिसमें से दो की जान चली गई। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
चंबल परियोजना की खुदाई में हादसा, 2 की मौत, 5 घायल
Agra: उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर रविवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब चंबल परियोजना के तहत बिछाई जा रही पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढे में मिट्टी धंसने से महिला सहित दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद इलाके में कोहराम मच गया, और ग्रामीणों के शोर मचाने पर रेस्क्यू कर लोगों को बाहर निकाला गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह हादसा उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के दाउदपुर गांव की पंचायत उत्तू में हुआ, जो कि राजस्थान की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है। जानकारी के मुताबिक, राजस्थान सीमा में चंबल परियोजना के लिए लगभग 10 फीट गहरे गड्ढे खोदे जा रहे थे, जिनमें से एक गड्ढे से पीली मिट्टी निकालने के लिए कुछ ग्रामीण वहां पहुंचे थे। तभी अचानक ऊपर से मिट्टी खिसकने लगी और आठ लोग उसकी चपेट में आकर दब गए।
गांव के लोग जब मिट्टी निकालने में लगे हुए थे, तभी ढलान पर जमा मिट्टी अचानक खिसक गई और देखते ही देखते सभी लोग उसके नीचे दब गए। हादसे के समय वहां मौजूद अन्य ग्रामीणों ने जब शोर मचाया तो आस-पास के लोग मौके पर दौड़ पड़े। लोगों ने मिट्टी हटाकर दबे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की, और काफी मशक्कत के बाद सभी आठ लोगों को बाहर निकाला गया।
घटना स्थल पर जुटी स्थानीय लोगों की भीड़
घायलों को तुरंत भरतपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने एक महिला सहित दो लोगों को मृत घोषित कर दिया। बाकी पांच घायलों का इलाज जारी है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों की पहचान फिलहाल जारी है, लेकिन गांव में शोक की लहर फैल गई है।
ग्राम प्रधान ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि यह घटना अत्यंत दर्दनाक है और प्रशासन को पहले से ही ऐसी खुदाई के दौरान सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए थे। सूचना मिलते ही राजस्थान पुलिस और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी थाना क्षेत्र की पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।
इस हादसे ने एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना की खुदाई के दौरान न तो सुरक्षा घेरा लगाया गया था, न ही किसी प्रकार की चेतावनी बोर्ड लगाए गए थे। यह हादसा सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा बताया जा रहा है।
हादसे के बाद पूरे गांव में गुस्से और शोक का माहौल है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और इस तरह की लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।