

कथावाचकों से बदसलूकी के बाद जातीय तनाव गहरा हो गया। जिसके बाद अब ‘अहीर रेजिमेंट’ और पुलिस आमने-सामने आ गए है। पूरा मामला जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कथावाचकों से बदसलूकी के बाद तनाव
इटावा: जिले के दांदरपुर गांव में कथावाचकों से बदसलूकी के बाद जातीय तनाव गहरा गया है। बीते दिनों यादव समुदाय के कथावाचकों के साथ कथित तौर पर मारपीट और अपमान की घटना के बाद मामला गरमा गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, अब 'अहीर रेजिमेंट' के समर्थकों ने इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए।
अहीर रेजिमेंट समर्थकों को रोकने पर पुलिस पर पथराव
बुधवार को बड़ी संख्या में 'अहीर रेजिमेंट' के सदस्य गगन यादव के नेतृत्व में दांदरपुर गांव की ओर कूच कर रहे थे। पुलिस ने जब उन्हें गांव के बाहर रोकने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। स्थिति बेकाबू होती देख पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
पुलिस की गाड़ियां क्षतिग्रस्त
पथराव के दौरान पुलिस की एक गाड़ी को भी भीड़ ने बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। कुछ उपद्रवियों ने लाठी-डंडे से हमला कर अफरा-तफरी का माहौल बना दिया। हालात संभालने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और भीड़ को खदेड़ा गया। मौके से कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य की पहचान वीडियो फुटेज के जरिए की जा रही है।
कथावाचकों से हुई बदसलूकी से जुड़ा है मामला
यह पूरा विवाद 21 जून को उस वक्त शुरू हुआ जब कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत कुमार यादव के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया गया। आरोप था कि उन्होंने जाति छिपाकर कथा कही और कथावाचन के दौरान महिला से छेड़खानी की। इस घटना के बाद संत यादव का सिर भी मुड़वा दिया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने चार ब्राह्मण युवकों को गिरफ्तार किया था।
दो पक्षों के बीच FIR
इस मामले में ब्राह्मण और यादव समुदाय आमने-सामने हैं। ब्राह्मण पक्ष ने कथावाचकों पर फर्जी आधार से कथा करने और छेड़खानी का आरोप लगाया, वहीं यादव समुदाय का कहना है कि यह सुनियोजित अपमान था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कथावाचकों के समर्थन में बयान देते हुए सरकार पर जातीय पक्षपात का आरोप लगाया था।
एसपी ग्रामीण का बयान
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीशचंद्र ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी, लेकिन तत्काल कार्रवाई कर उन्हें नियंत्रित कर लिया गया है। एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ गाड़ियां सीज की गई हैं। गांव में अब स्थिति शांत है और पुलिस तैनात है।