

हाईकोर्ट में फर्रुखाबाद एसपी आरती सिंह पेश हुई, जहां चार अलग-अलग मामलों में माफी मांगी। कोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर कड़ा रुख अपनाते हुए मामले का फैसला सुरक्षित रखा। यह सुनवाई अवैध हिरासत, तोड़फोड़ जैसे आरोपों को लेकर हुई।
IPS आरती सिंह
Prayagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को फर्रुखाबाद की पुलिस अधीक्षक (SP) आरती सिंह की पेशी बेहद गंभीर और चर्चित मामलों को लेकर हुई। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने एसपी की ओर से दाखिल माफीनामे और आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया, लेकिन चारों मामलों में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया। अभी फैसले की तिथि घोषित नहीं की गई है।
दो लोगों को 7 दिन तक अवैध हिरासत में रखा
हाईकोर्ट की ये सुनवाई चार अलग-अलग लेकिन आपस में जुड़े मामलों से संबंधित थी। जिनमें दो लोगों की 7 दिन तक अवैध हिरासत, पीड़ित से जबरन लिखवाया गया बयान, वकील अवधेश मिश्र के घर पर पुलिस द्वारा की गई तोड़फोड़ और कोर्ट परिसर से वकील के साथ उनके बेटे की गिरफ्तारी शामिल है।
नाराज हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने की, जिन्होंने पहले ही मंगलवार को इस पूरे प्रकरण पर कड़ी नाराजगी जताते हुए एसपी को अदालत में बुलाया था। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा था कि एसपी को तब तक कोर्ट से जाने की अनुमति नहीं है, जब तक वकील अवधेश मिश्र और उनके बेटे को रिहा नहीं किया जाता।
कैसे शुरू हुआ मामला?
एडवोकेट संतोष पांडे ने फर्रुखाबाद की निवासी प्रीति यादव की ओर से एक हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की थी। इसमें आरोप लगाया गया कि 8 सितंबर की रात कायमगंज थाने की पुलिस ने प्रीति के घर में घुसकर उनके दो रिश्तेदारों को उठा लिया और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के उन्हें 7 दिन तक थाने में रखा गया /14 सितंबर की रात जब उन्हें छोड़ा गया तो पुलिस ने दबाव में उनसे लिखवा लिया कि “हमें कोई शिकायत नहीं है और हम कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे।” यही पत्र पुलिस ने अदालत में सबूत के तौर पर जमा कर दिया।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बुलाकर पूछा सच
पुलिस की दलील को मानने से इनकार करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता प्रीति यादव को अदालत में बुलाया। प्रीति ने अदालत के सामने साफ-साफ कहा कि उन्हें धमकाया गया और उनके परिजनों से जबरन बयान लिखवाया गया। इस बयान के बाद कोर्ट ने 14 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे तक एसपी फतेहगढ़, सीओ कायमगंज और एसएचओ कायमगंज को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया।
वकील अवधेश मिश्र के घर पर पुलिस का हमला
11 अक्टूबर को पुलिस करीब 100 जवानों के साथ फर्रुखाबाद स्थित वकील अवधेश मिश्र के घर पहुंची और वहां जबरन तोड़फोड़ की। घर के सामान को नुकसान पहुंचाया गया, CCTV कैमरे और DVR उठा लिए गए। वकील की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने प्रीति यादव को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने में मदद की थी।
कोर्ट परिसर से की गई गिरफ्तारी
मंगलवार को फर्रुखाबाद पुलिस ने हाईकोर्ट परिसर के बाहर से अधिवक्ता अवधेश मिश्र और उनके बेटे को जबरन उठा लिया। इस घटना से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने तत्काल कोर्ट का रुख किया, जिसके बाद कोर्ट के हस्तक्षेप से दोनों की रिहाई हो सकी।
कोर्ट ने माना- न्यायिक प्रक्रिया में गंभीर हस्तक्षेप
वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि यह पूरा प्रकरण न्यायिक प्रक्रिया में गंभीर हस्तक्षेप का मामला है। कोर्ट ने भी प्रथम दृष्टया इसे अवमानना मानते हुए एसपी से जवाब मांगा था। हालांकि एसपी आरती सिंह अदालत को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं।
एसपी ने मांगी माफी, हलफनामा दाखिल
बुधवार को पेशी के दौरान आरती सिंह ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने यह हलफनामा रिकॉर्ड पर लिया, लेकिन फिलहाल कोई निर्णय नहीं दिया गया।
कोर्ट का फैसला सुरक्षित, अगली तारीख जल्द तय होगी
चारों मामलों पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अगली सुनवाई की तिथि जल्द घोषित की जाएगी।
कौन हैं आरती सिंह?
2017 बैच की आईपीएस अफसर आरती सिंह मध्य प्रदेश के सिंगरौली की रहने वाली हैं। उनके पति अनिरुद्ध सिंह भी आईपीएस अधिकारी हैं। दोनों ने एक साथ UPSC परीक्षा पास की थी। इससे पहले बनारस में तैनाती के दौरान भी वह एक मकान मालिक को किराया न देने के आरोप में विवादों में आ चुकी हैं।