

हरदोई के पिहानी नगर में प्राथमिक विद्यालय की इंटरलॉकिंग उखड़वाने पर जांच हुई। प्रतिनिधि अरुण गुप्ता और प्रधानाध्यापक निलंबित कर दिए गए हैं। पढ़ें पूरी खबर
विद्यालय में इंटरलॉकिंग उखड़वाने का मामला
Hardoi: उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां पिहानी नगर के छिपी टोला प्राथमिक विद्यालय के परिसर से इंटरलॉकिंग उखड़वाए जाने का मामला तूल पकड़ गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक प्राथमिक जांच के बाद भाजयुमो के नगर अध्यक्ष और सभासद के कथित प्रतिनिधि के खिलाफ खंड शिक्षा अधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। साथ ही दो दिन से निरीक्षण में गैर हाजिर मिलने समेत कई अन्य मामलों में संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को भी निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि प्राथमिक विद्यालय छिपी टोला में इंटरलॉकिंग थी। कुछ दिन पहले यह इंटरलॉकिंग उखड़वा दी गई। इंटरलॉकिंग उखाड़े जाने की शिकायत पूर्व सभासद संजीव शर्मा ने उच्चाधिकारियों ने दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया था कि उखाड़ी गई इंटरलॉकिंग ब्रिक्स को सभासद के कथित प्रतिनिधि ने गायब भी कर दिया।
इसकी जांच डीएम ने बीएसए के जरिए खंड शिक्षा अधिकारी और अधिशसी अधिकारी से कराई। जांच में पता चला कि खुद को सभासद रेखा गुप्ता का प्रतिनिधि बताने वाले अरुण गुप्ता ने इंटरलॉकिंग उखड़वाई है। उखड़वाई गईं ईंटों को हरिकिशोर को दे दिया। हरि किशोर ने भी इसकी पुष्टि की।
पूरे मामले को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर पुलिस को दी। कोतवाल विद्या सागर पाल ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर अरुण गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसी मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर प्रधानाध्यापक राजीव कुमार त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है।
राजीव त्रिपाठी पर मंगलवार और बुधवार को विद्यालय में निरीक्षण के दौरान गैरहाजिर मिलने का आरोप है। साथ ही इंटरलॉकिंग उखाड़े जाने के मामले में भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बीएसए ने बताया कि राजीव त्रिपाठी पर कार्रवाई की गई है।
मामले के आरोपी अरुण गुप्ता भाजयुमो के नगर अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बताया कि कि नई इंटरलॉकिंग लगवाने के लिए नगर पालिका में प्रार्थना पत्र दिया था। अधिशासी अधिकारी ने एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए थे। अरुण गुप्ता ने दावा किया कि पुरानी ईंट प्रबंध समिति, प्रधानाध्यापक और वार्ड सभासद की सहमति से उखाड़ी गई है।