Ghaziabad News: फर्जी रजिस्ट्री कर मकान हड़पने वाले गैंग का भंडाफोड़, चार आरोपी गिरफ्तार, जानिए कैसे करते थे ठगी

पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान शिवा उर्फ शिबू, दिनेश, ज्ञानेन्द्र उर्फ ज्ञानी और राजवीर के रूप में हुई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 2 June 2025, 2:54 PM IST
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गाजियाबाद: फर्जी दस्तावेजों के जरिए मकान हड़पने के एक सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान शिवा उर्फ शिबू, दिनेश, ज्ञानेन्द्र उर्फ ज्ञानी और राजवीर के रूप में हुई है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन आरोपियों ने मिलकर एक संगठित गिरोह की तरह धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, एक जून को एक व्यक्ति ने थाना कविनगर में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके मकान पर फर्जी तरीके से कब्जा कर लिया गया है। शिकायत में बताया कि आरोपियों ने राजवीर को उस मकान का मालिक दर्शाया और फिर दिनेश की पत्नी नेहा के नाम पर उसकी फर्जी रजिस्ट्री करवा दी। इस जालसाजी की जानकारी जब असली मालिक को लगी तो उसने पुलिस में शिकायत की।

जेल में रची गई साजिश

पुलिस जांच में सामने आया कि यह कोई आम आपराधिक वारदात नहीं थी, बल्कि सुनियोजित योजना के तहत अंजाम दी गई थी। शिवा, दिनेश और ज्ञानेन्द्र की मुलाकात गाजियाबाद जेल में हुई थी। शिवा वर्ष 2007 से 2019 तक हत्या के मामले में जेल में बंद था। दिनेश 2009-10 और फिर 2012 से 2022 तक कई आपराधिक मामलों में जेल में रहा। ज्ञानेन्द्र 2021-22 में जेल में सजा काट चुका है। जेल से छूटने के बाद इन तीनों ने मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग के नाम पर ठगी का धंधा शुरू किया। शिवा खुद को प्रॉपर्टी डीलर बताने लगा, जबकि दिनेश और ज्ञानेन्द्र ग्राहकों को तलाशने और जमीनों की जानकारी जुटाने का काम करते थे।

शराबी राजवीर को बनाया मोहरा

इस गिरोह ने शराब के आदी राजवीर को अपने षड्यंत्र में शामिल किया और उसे एक मकान का फर्जी मालिक बना दिया। फिर उसके नाम से दस्तावेज तैयार करवा कर रजिस्ट्री कर दी गई, जो पूरी तरह से फर्जी थी।

गुप्त सूचना पर हुई गिरफ्तारी

पुलिस को जब इस गैंग की जानकारी लगी तो मुखबिर और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की मदद से सलारपुर खादर स्थित शिव शक्ति एन्क्लेव सेक्टर-81 में छापेमारी की गई। वहां से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अब इनके अन्य मामलों की जांच भी कर रही है।

गिरोह का नेटवर्क बड़ा हो सकता है

डीसीपी अवस्थी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन आरोपियों ने पहले भी इसी तरह की कई घटनाओं को अंजाम दिया हो सकता है। पुलिस अब इनके पुराने रिकॉर्ड खंगाल रही है और इनके नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है।

Location : 
  • Ghaziabad

Published : 
  • 2 June 2025, 2:54 PM IST