कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी मामले में सोनभद्र एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है। सरगना के पिता भोला जायसवाल की वाराणसी स्थित 30 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जाएगी। न्यायालय के आदेश पर नोटिस जारी कर आरोपी से संपत्ति का पूरा ब्यौरा मांगा गया है।

प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Varanasi: कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी और फर्जी ड्रग लाइसेंस के बड़े नेटवर्क का खुलासा होने के बाद सोनभद्र एसआईटी ने अब सरगना के परिवार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में मुख्य आरोपी शुभम के पिता भोला जायसवाल की करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। वाराणसी में स्थित उनकी अचल संपत्तियों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
एसआईटी की जांच में सामने आया है कि भोला जायसवाल ने अवैध तस्करी से अर्जित धन से वाराणसी के जैतपुरा और बादशाह बाग कॉलोनी में दो आलीशान आवासीय मकान खरीदे हैं। इसके अलावा महमूरगंज इलाके में स्थित केबीएन प्लाजा नामक एक व्यावसायिक भवन भी उनके स्वामित्व में है। इन तीनों संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 30 करोड़ रुपये आंकी गई है।
संबंधित संपत्तियों की जांच-पड़ताल के बाद एसआईटी ने न्यायालय को पूरे तथ्यों से अवगत कराया। इसके बाद न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत कर कुर्की की अनुमति मांगी गई। न्यायालय ने 107 बीएनएसएस के तहत नोटिस जारी किया है, जिसे आरोपी भोला जायसवाल को उपलब्ध करा दिया गया है। नोटिस में निर्देश दिया गया है कि दो वर्ष के भीतर अर्जित संपत्तियों का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत किया जाए।
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यदि आरोपी द्वारा तय समयसीमा के भीतर संपत्तियों से संबंधित संतोषजनक जानकारी नहीं दी जाती है, तो कुर्की की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। एसआईटी का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों एसआईटी ने भोला जायसवाल को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। जांच में सामने आया कि भोला, शैली ट्रेडर्स नामक फर्म का मालिक है और इसी फर्म के जरिए फर्जी दस्तावेजों पर ड्रग लाइसेंस हासिल कर करोड़ों रुपये की कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी की गई।
पूछताछ और संबंधित चार्टर्ड अकाउंटेंट से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर एसआईटी को जानकारी मिली कि शैली ट्रेडर्स के माध्यम से करीब 500 करोड़ रुपये मूल्य की कफ सिरप की तस्करी की गई। यह सिरप विभिन्न राज्यों में अवैध रूप से सप्लाई किया गया, जहां इसका दुरुपयोग नशे के रूप में किया गया।
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जांच में यह भी सामने आया कि भोला जायसवाल ने दो फर्जी फर्मों को पंजीकृत कराया था। शैली ट्रेडर्स के नाम पर झारखंड के रांची स्थित तुपुदाना और हटिया क्षेत्र में गोदाम दिखाए गए। इन गोदामों और ड्रग लाइसेंस के लिए कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। इन फर्जी फर्मों के जरिए झारखंड के रांची, पलामू, बोकारो और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर और बलिया जैसे जिलों में कागजी आपूर्ति दर्शाई गई।
तस्करी से अर्जित करोड़ों रुपये की अवैध आय से भोला जायसवाल ने महंगे मकान, लग्जरी वाहन खरीदे। इसके अलावा विभिन्न बैंकों में भारी धनराशि जमा कराई गई और फिक्स्ड डिपॉजिट भी कराए गए। अब एसआईटी इन सभी वित्तीय लेन-देन की गहन जांच कर रही है।
इस पूरे मामले पर सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि अब तक की विवेचना में लगभग 30 करोड़ रुपये की संपत्ति अवैध रूप से अर्जित पाई गई है। इसे कुर्क कराने के लिए न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। न्यायालय के आदेश के बाद नोटिस जारी कर आरोपी को तामील करा दी गई है। आगे की कार्रवाई जांच के निष्कर्षों के आधार पर की जाएगी।