

गोरखपुर शहर में शुक्रवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी और आयुष्मान हॉस्पिटल (पादरी बाजार) के मालिक अशोक जायसवाल संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए। अपहरणकर्ताओं ने अशोक को अगवा करने की बात कबूल की और 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। इस कॉल में अशोक से भी फोन पर बात कराई गई, जिसने परिजनों की धड़कनें और तेज कर दीं।
रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी अशोक जायसवाल (फाइल फोटो)
Gorakhpur: गोरखपुर शहर में शुक्रवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी और आयुष्मान हॉस्पिटल (पादरी बाजार) के मालिक अशोक जायसवाल संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रोज की तरह सुबह 5:30 बजे वह स्विमिंग के लिए रेलवे स्टेडियम गए थे, लेकिन सुबह 9 बजे तक घर नहीं लौटे। इसके बाद उनकी पत्नी डॉ. सुषमा जायसवाल के पास एक अनजान नंबर से वॉट्सऐप कॉल आई, जिसमें अपहरणकर्ताओं ने अशोक को अगवा करने की बात कबूल की और 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। इस कॉल में अशोक से भी फोन पर बात कराई गई, जिसने परिजनों की धड़कनें और तेज कर दीं।
पुलिस का त्वरित एक्शन
12 घंटे में छुड़ाया डॉ. सुषमा जायसवाल, जो बस्ती जिले में तैनात हैं, ने तुरंत शाहपुर थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बिना देर किए सर्विलांस टीम को सक्रिय किया और रेलवे स्टेडियम से अशोक के घर तक के रास्ते में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की। वॉट्सऐप नंबर की आईपी ट्रेसिंग और कॉल डिटेल्स की जांच के साथ पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की तलाश तेज कर दी। एसपी सिटी अभिनव त्यागी के नेतृत्व में पुलिस ने महज 12 घंटे में अशोक जायसवाल को सकुशल बरामद कर लिया, जिससे परिजनों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।
क्या था अपहरण का मकसद?
अभिनव त्यागी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला किसी लेन-देन या निजी विवाद से जुड़ा प्रतीत हो रहा है, लेकिन अपहरण के सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है।।
स्थानीय लोगों में दहशत
फिर भरोसा अशोक जायसवाल, जो गोरखपुर के पादरी बाजार क्षेत्र में एक सम्मानित नाम हैं और निजी अस्पताल चलाते हैं, उनके अपहरण की खबर से स्थानीय लोग स्तब्ध रह गए। परिजनों ने बताया कि उन्हें पहले किसी दुश्मनी या धमकी की जानकारी नहीं थी। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और अशोक की सकुशल वापसी से लोगों में भरोसा जगा, लेकिन इस घटना ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल भी खड़े कर दिए थे ।
सोशल मीडिया पर भी हलचल
कुछ यूजर्स ने लिखा, "जो देश की सेवा कर चुका, वो भी गोरखपुर में सुरक्षित नहीं? योगी राज में ये कैसा सुरक्षित उत्तर प्रदेश?" हालांकि, पुलिस की तेजी से की गई कार्रवाई की भी सराहना हो रही है।
पुलिस का आश्वासन शाहपुर थाना पुलिस ने परिजनों को भरोसा दिलाया था कि अपहरणकर्ताओं को जल्द पकड़ लिया जाएगा। सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से मामले की तह तक जाने की कोशिश जारी है। इस सनसनीखेज घटना ने गोरखपुर में अपराध के नए चेहरे को उजागर किया है, लेकिन पुलिस की तत्परता ने यह भी दिखाया कि कानून का इकबाल अभी बरकरार है।