

यूपीआई यूजर्स के लिए बड़ी चेतावनी। यूजर्स को दो हजार से अधिक पेमेंट करने पर टैक्स भरना पड़ सकता है। पूरी खबर जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
यूपीआई ट्रांजैक्शन
नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर आए दिन नई-नई अफवाहें सुनने को मिलती है, जो लोगों के होशो हवास उड़ा देती है। ऐसी ही एक अफवाह सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से चल रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि 2000 रुपए से अधिक यूपीआई ट्रांजैक्शन यानी यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस करने पर लोगों को जीएसटी भरनी होगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस खबर से लोगों के बीच चिंता का माहौल बनने लगा और लोग सवाल करने लगे। जिसके बाद पूरे मामले पर वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए इन अफवाहों को खारिज कर दिया।
यूपीआई पेमेंट पर सरकार का दावा
वित्त मंत्रालय ने यूपीआई पेमेंट को लेकर चल रही अफवाहों को खारिज कर दिया है। बता दें कि शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस तरह का कोई भी प्रस्ताव सरकार ने पेश नहीं किया है। 2 हजार से अधिक यूपीआई पेमेंट परकोई जीएसटी लागू नहीं होगी। यह बात पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है।
यूपीआई पेमेंट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार ने साल 2020 में डिजिटल पेमेंट्स पर लगाने वाला मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर हटा दिया था। एमडीआर का मतलब है कि यूपीआई ट्रांजैक्शन पर लोगों को ना तो कोी शुल्का देना होगा और ना ही कोई टैक्स लागू होगा।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए चलाई गई ये योजना
क्या आप जानते हैं कि भारत सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और ज्यादा से ज्यादा यूज करने के लिए कई योजनाएं भी चलाई है। साल 2021 में सरकार ने एक विशेष योजना लागू की थी, जिसमें पर्सन टू मर्चेंट ट्रांजैक्शन को प्रोत्सहान करना था। इस योजना को चलाने का मकसद केवल यही था कि बड़े पैमाने पर डिजिटल पेमेंट हो और छोटे व्यापारी भी इसका इस्तेमाल कर सकें।