

सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा कमाई आखिर किससे होती है? यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक या एक्स- जवाब आपको चौंका सकता है। जानिए वो प्लेटफॉर्म जो क्रिएटर्स की दुनिया में सबसे बड़ी इनकम मशीन बन चुका है!
सोशल मीडिया से सबसे ज्यादा पैसा किससे आता है? (सोर्स- इंटरनेट)
New Delhi: आज सोशल मीडिया न केवल संवाद और मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि लाखों-करोड़ों लोगों के लिए एक मजबूत आमदनी का जरिया भी बन चुका है। ऐसे में जब नेपाल में सोशल मीडिया बैन हुआ तो युवा सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे।
पर क्या आप जानते हैं कि यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स (पहले ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आज लाखों क्रिएटर्स काम कर रहे हैं और अलग-अलग तरीकों से पैसे कमा रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि इन प्लेटफॉर्म्स में से कौन सबसे ज्यादा कमाई करवाता है और क्यों?
अगर बात की जाए यूट्यूब की तो यह प्लेटफॉर्म मौजूदा समय में क्रिएटर इकॉनॉमी का बादशाह बना हुआ है। यूट्यूब पर मुख्य तौर पर एड रेवेन्यू (Google AdSense) के जरिए कमाई होती है। जैसे ही कोई यूज़र आपके वीडियो को देखता है और उस पर चलने वाला ऐड देखता है, वैसे ही उस व्यू से कमाई होती है।
इसके अलावा चैनल मेंबरशिप, सुपरचैट, एफिलिएट लिंक और ब्रांड स्पॉन्सरशिप के जरिए भी कमाई होती है। यूट्यूब की सबसे खास बात है कि वह अपने ऐड रेवेन्यू का 55% हिस्सा क्रिएटर को देता है, जो कि दुनिया के किसी भी बड़े प्लेटफॉर्म की तुलना में सबसे अधिक है। एक सामान्य आंकड़े के मुताबिक, यूट्यूब पर 1 लाख व्यूज़ पर ₹2000 से ₹6000 तक की कमाई हो जाती है। बड़े-बड़े यूट्यूबर हर महीने ₹5 लाख से लेकर ₹50 लाख या उससे अधिक भी कमा रहे हैं।
सोर्स- इंटरनेट
वहीं दूसरी तरफ, इंस्टाग्राम आज ब्रांड डील्स और पेड प्रमोशन्स का हॉटस्पॉट बन गया है। भले ही इंस्टाग्राम यूट्यूब की तरह डायरेक्ट ऐड रेवेन्यू शेयरिंग नहीं करता, लेकिन यहां ब्रांड्स की मौजूदगी काफी ज्यादा है। खासतौर पर फैशन, ब्यूटी, फिटनेस, फूड और ट्रैवल जैसे सेगमेंट में काम करने वाले क्रिएटर्स को अच्छे ब्रांड डील्स मिल जाते हैं। एक स्पॉन्सर्ड पोस्ट की कीमत ₹10,000 से ₹5 लाख तक हो सकती है, जो आपके फॉलोअर्स, एंगेजमेंट रेट और कंटेंट की क्वालिटी पर निर्भर करती है।
बता दें कि इंस्टाग्राम पर रील्स बोनस जैसी कुछ सुविधाएं केवल चुनिंदा देशों और यूज़र्स को मिलती हैं, लेकिन भारत में अभी यह सीमित स्तर पर उपलब्ध है। इसके बावजूद, मिड-लेवल इंफ्लुएंसर्स इंस्टाग्राम से हर महीने ₹50,000 से ₹2 लाख तक कमा सकते हैं।
फेसबुक की बात करें, तो यह प्लेटफॉर्म एक समय पर वीडियो क्रिएटर्स के लिए काफी लाभदायक था। Facebook Ad Breaks फीचर के तहत क्रिएटर्स अपने वीडियो पर ऐड लगाकर कमाई कर सकते थे। हालांकि, समय के साथ फेसबुक की ऑडियंस इंगेजमेंट में गिरावट आई है और मोनेटाइजेशन के नियम भी सख्त हो गए हैं। इसके बावजूद, कुछ पॉपुलर पेज और ग्रुप्स आज भी ब्रांडिंग, एफिलिएट प्रमोशन और कंटेंट सब्सक्रिप्शन के जरिए ₹10,000 से ₹2 लाख तक कमा रहे हैं। लेकिन नए क्रिएटर्स के लिए फेसबुक अब पहले जितना आकर्षक प्लेटफॉर्म नहीं रह गया है। खासकर यंग जेनरेशन का रुझान अब यूट्यूब और इंस्टाग्राम की ओर ज्यादा है।
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अब बात करते हैं एक्स (पूर्व में ट्विटर) की, जो अभी तक कमाई के मामले में संघर्ष करता दिखाई देता है। एलन मस्क द्वारा खरीदे जाने के बाद इसमें कई बदलाव हुए हैं जैसे "X Premium", एड रेवेन्यू शेयरिंग, और सब्सक्रिप्शन आधारित फीचर्स। लेकिन इन सभी सुविधाओं का लाभ केवल सीमित यूज़र्स को ही मिल रहा है। भारत जैसे देशों में X का मोनेटाइजेशन मॉडल अभी उतना प्रभावी नहीं है।
एक लाख व्यूज़ पर यहां ₹100 से ₹500 की कमाई ही होती है और वह भी तब जब यूज़र X के पार्टनर प्रोग्राम में हो। इसके अलावा प्लेटफॉर्म पर वीडियो कंटेंट और एंगेजमेंट की स्थिरता भी काफी कम है, जिससे ब्रांड्स भी इस पर प्रमोशन में कम निवेश करते हैं।
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