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क्या 2026 में स्मार्टग्लास स्मार्टफोन की जगह ले लेंगे? जानिए AI-पावर्ड स्मार्टग्लास, Google Android XR, Gemini AI और टेक एक्सपर्ट्स की राय कि आने वाले समय में स्मार्टग्लास और फोन का रिश्ता कैसा रहेगा।
स्मार्टग्लास (Img Source: Google)
New Delhi: कई सालों की रिसर्च और प्रयोगों के बाद स्मार्टग्लास अब टेक इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाते दिख रहे हैं। एक समय तक इन्हें फ्यूचर का अजीब गैजेट माना जाता था, लेकिन अब यह साफ हो रहा है कि ये डिवाइस रोजमर्रा की जिंदगी को ज्यादा आसान और स्मार्ट बना सकते हैं। इसी वजह से सवाल उठ रहा है कि क्या आने वाले समय में स्मार्टग्लास स्मार्टफोन की जगह ले लेंगे या फिर दोनों साथ-साथ चलेंगे।
टेक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 2026 तक स्मार्टग्लास पहले से कहीं ज्यादा एडवांस हो जाएंगे। ये खासतौर पर छोटे और तुरंत किए जाने वाले कामों में बेहद उपयोगी साबित होंगे, जैसे नेविगेशन, मैसेज भेजना, फोटो क्लिक करना और लाइव ट्रांसलेशन।
हालांकि, ऐप्स चलाने, डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग और हैवी कंप्यूटिंग जैसे कामों के लिए स्मार्टफोन की जरूरत बनी रहेगी। यानी मुकाबले की जगह स्मार्टग्लास और स्मार्टफोन का रिश्ता पूरक (Complementary) रहेगा।
स्मार्टग्लास के विकास में सबसे अहम भूमिका निभा रहा है मल्टीमॉडल AI। यह तकनीक न सिर्फ आपकी आवाज़ बल्कि यह भी समझ सकती है कि आप क्या देख रहे हैं और क्या सुन रहे हैं। Google पहले ही Android XR पर आधारित स्मार्टग्लास का डेमो दिखा चुका है, जिसमें Gemini AI की मदद से लाइव ट्रांसलेशन, मैसेजिंग और नेविगेशन जैसी सुविधाएं सामने आई हैं। खास बात यह है कि अनुवाद आपकी आंखों के सामने सबटाइटल की तरह दिखाई देता है। Google ने साफ संकेत दिए हैं कि 2026 में वह AI-पावर्ड स्मार्टग्लास लॉन्च कर सकता है, जिसे Google Glass से कहीं ज्यादा परिपक्व माना जा रहा है।
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नेविगेशन में स्मार्टग्लास बड़ा बदलाव ला सकते हैं। चलते-फिरते आंखों के सामने दिशा-निर्देश दिखना फोन देखने से कहीं ज्यादा सुरक्षित और आसान होगा। लाइव ट्रांसलेशन भी गेम-चेंजर साबित हो सकता है, खासकर विदेश यात्रा या इंटरनेशनल मीटिंग्स में। इसके अलावा हैंड्स-फ्री फोटो और वीडियो कैप्चर सोशल मीडिया यूजर्स के लिए बड़ा आकर्षण होगा। छोटे-छोटे काम सीधे आंखों के सामने होने से स्क्रीन टाइम भी कम हो सकता है।
पहला ट्रेंड होगा बिना डिस्प्ले वाले AI स्मार्टग्लास, जिनमें ऑडियो, कैमरा और वॉयस कमांड के जरिए AI असिस्टेंस मिलेगी। दूसरा ट्रेंड होगा इन-लेंस डिस्प्ले वाले स्मार्टग्लास, जिनमें हल्का हेड्स-अप डिस्प्ले दिखेगा। हालांकि बैटरी, गर्मी और कीमत जैसी चुनौतियां इनके बड़े पैमाने पर अपनाने में रुकावट बन सकती हैं।
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स्मार्टफोन की बड़ी स्क्रीन, कीबोर्ड और ऐप इकोसिस्टम अभी भी जरूरी हैं। बैंकिंग, फॉर्म भरना और लंबा कंटेंट पढ़ना स्मार्टग्लास पर उतना सहज नहीं है। इसके अलावा प्राइवेसी भी बड़ा मुद्दा है। हमेशा ऑन रहने वाला कैमरा हर जगह स्वीकार्य नहीं होगा।
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