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केंद्रीय संचार मंत्री ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि ‘संचार साथी’ ऐप केवल जनता की सुरक्षा के लिए है। इसका उद्देश्य डिजिटल सुरक्षा बढ़ाना है, जासूसी करना नहीं। ऐप नए स्मार्टफोन में प्री-लोडेड और पुराने में अपडेट के जरिए इंस्टॉल होगी।
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (फोटो सोर्स- संसद टीवी)
New Delhi: संसद के चालू शीतकालीन सत्र का बुधवार को तीसरा दिन है और इस बीच केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि सरकार की साइबर सुरक्षा ऐप 'संचार साथी' से न तो जासूसी की जा सकती है और न ही कभी की जाएगी। मंत्री ने यह बात विपक्ष के सदस्यों द्वारा ऐप को सभी नए स्मार्टफोन में पहले से इंस्टॉल करने के आदेश पर उठाए गए सवालों के जवाब में कही।
सिंधिया ने कहा, "संचार साथी ऐप से न स्नूपिंग संभव है और न ही कभी संभव होगी। यह ऐप जनता की सुरक्षा के लिए बनाई गई है, जासूसी के लिए नहीं। हमारा उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षित बनाना है और उन्हें यह ताकत देना है कि वे खुद अपनी सुरक्षा कर सकें।"
संसद में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा गर्माया, जब विपक्ष ने ऐप के अनिवार्य प्री-लोडिंग आदेश को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हर नए स्मार्टफोन में ऐप का अनिवार्य होना निजता के अधिकार से जुड़े सवाल उठाता है। विपक्ष के तेवर इस मामले में काफी तल्ख नजर आए। वहीं, मंत्री ने सभी सवालों का जवाब देते हुए ऐप की उद्देश्यपूर्ण प्रकृति पर जोर दिया।
संचार मंत्रालय ने 28 नवंबर को सभी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों को निर्देश दिया था कि भारत में बिकने वाले सभी नए हैंडसेट में 'संचार साथी' ऐप प्री-लोडेड होनी चाहिए। इसके अलावा, मौजूदा डिवाइस में सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से यह ऐप अनिवार्य रूप से इंस्टॉल कर दी जाएगी। मंत्रालय का कहना है कि यह कदम नागरिकों की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
Telecom Minister Jyotiraditya Scindia’s latest statement on the Sanchar Saathi app in Parliament.@JM_Scindia pic.twitter.com/xduZ5RgrEh
— Dynamite News (@DynamiteNews_) December 3, 2025
संचार मंत्री ने कहा कि 'संचार साथी' ऐप को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी को सुरक्षित रखे और किसी भी तरह की निगरानी या जासूसी की सुविधा न हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐप का उद्देश्य सिर्फ नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा के उपकरण प्रदान करना है।
संचार साथी ऐप (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
जानकारों के अनुसार, डिजिटल सुरक्षा और साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम समय की मांग है। मोबाइल यूजर्स को ऑनलाइन खतरे और धोखाधड़ी से बचाने के लिए सरकार ने इस ऐप को विकसित किया है। ऐप उपयोगकर्ताओं को संदिग्ध लिंक, मैलवेयर और अन्य साइबर खतरों के खिलाफ सचेत करती है।
इसके अलावा, मंत्रालय ने बताया कि ऐप में किसी प्रकार का डेटा स्नूपिंग या अनाधिकृत ट्रैकिंग संभव नहीं है। ऐप केवल सुरक्षा संबंधी अलर्ट और सूचना प्रदान करती है। नागरिक ऐप के जरिए अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा, संदेश और कॉल सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
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सिंधिया ने यह भी कहा कि सरकार डिजिटल सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है और नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा के लिए सशक्त बनाना प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह कदम देश में साइबर जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है और यह हर नागरिक के लिए लाभकारी होगा।
वहीं, विपक्ष ने इस आदेश को निजता के अधिकार के उल्लंघन से जोड़कर सवाल उठाए। उनका कहना था कि हर डिवाइस में अनिवार्य रूप से ऐप इंस्टॉल करना व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ है। इसके बावजूद मंत्री ने साफ कर दिया कि ऐप का कोई भी उद्देश्य जासूसी नहीं है और यह पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी है।