

Amazon और Flipkart की मेगा सेल्स शुरू हो चुकी हैं, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर गैजेट्स तक पर भारी छूट मिल रही है। लेकिन इन ऑफर्स के बीच ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। जानिए कैसे करें सुरक्षित और समझदारी भरी ऑनलाइन शॉपिंग।
ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम (सोर्स-गूगल)
New Delhi: भारत में 12 जुलाई 2025 से दो प्रमुख ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon और Flipkart ने अपनी सबसे बड़ी सालाना सेल्स की शुरुआत कर दी है। Amazon की Prime Day Sale और Flipkart की GOAT (Greatest of All Time) Sale में स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टवॉच और ऑडियो डिवाइसेज पर बंपर छूट मिल रही है। ये सेल्स ग्राहकों के लिए नए गैजेट्स खरीदने का सुनहरा मौका हैं, लेकिन साथ ही ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड की आशंका भी बढ़ जाती है।
स्कैम से बचाव बेहद जरूरी
इन सेल्स के दौरान फर्जी वेबसाइट्स और नकली ऑफर्स की संख्या में तेजी से इज़ाफा हो रहा है। खासकर Amazon Prime Day के नाम पर कई नकली वेबसाइट्स एक्टिव हैं, जो हूबहू असली वेबसाइट जैसी दिखती हैं। इन पर क्लिक करने से यूजर अपनी बैंक डिटेल्स साझा कर बैठते हैं, जिससे फ्रॉड की संभावना बन जाती है।
सुझाव
हमेशा वेबसाइट का URL जांचें Amazon के लिए www.amazon.in और Flipkart के लिए www.flipkart.com का ही इस्तेमाल करें।
सोशल मीडिया या ईमेल पर आए किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
ऑनलाइन फ्रॉड (सोर्स-गूगल)
कीमतों की तुलना करें
Amazon और Flipkart दोनों ही मंचों पर भारी छूट मिल रही है, लेकिन जरूरी है कि आप एक ही प्रोडक्ट को दोनों प्लेटफॉर्म्स पर चेक करें।
बैंक ऑफर्स पर ध्यान दें कई बार ICICI, HDFC और SBI कार्ड्स पर अलग-अलग छूट मिलती है।
एक्सचेंज ऑफर का भी लाभ उठाएं देखें कि किस वेबसाइट पर पुराने डिवाइस की बेहतर कीमत मिल रही है।
फेक डिस्काउंट से रहें सावधान
कई बार कंपनियां पहले प्रोडक्ट की कीमत बढ़ाकर उस पर छूट दिखाती हैं। इससे कस्टमर को लगता है कि बड़ी डील मिली है, जबकि असल में वो मार्केट प्राइस से ज्यादा चुका रहा होता है। ऐसे में ऑफिशियल वेबसाइट या भरोसेमंद प्राइस कंपेरिजन टूल्स का इस्तेमाल करें।
डिलीवरी के समय अलर्ट रहें
सेल के दौरान गलत उत्पाद या क्षतिग्रस्त सामान मिलने की शिकायतें आम हो गई हैं। इससे बचने के लिए, ओपन बॉक्स डिलीवरी का विकल्प चुनना समझदारी भरा कदम है, जिसमें डिलीवरी एजेंट आपके सामने उत्पाद का बॉक्स खोलता है। साथ ही, उत्पाद प्राप्त करते समय अनबॉक्सिंग वीडियो भी ज़रूर बनाएँ, ताकि अगर कुछ गड़बड़ हो जाए, तो आपके पास पुख्ता सबूत हों, जिससे रिफंड या रिप्लेसमेंट की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
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