योगी राज में अतीक हुआ बेकाबू, जेल से तीसरी बड़ी वारदात, दहशत में कारोबारी

मनोज टिबड़ेवाल आकाश

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि उनके राज में अपराधी चूं भी नही कर सकता लेकिन हकीकत में सब कुछ इसके उलट हो रहा है। उनके घर से महज 50 किमी की दूरी पर स्थित देवरिया जिला जेल के अंदर बैठकर राज्य का सबसे गुंडा-माफिया अतीक अहमद बेखौफ निर्दोष कारोबारियों को रंगदारी के लिए मरवा-पिटवा रहा है और खुलेआम बेशकीमती जमीनों पर कब्जे करा रहा है। चंद दिनों के भीतर उसने तीसरी बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..

देवरिया जिला जेल में बंद माफिया अतीक अहमद (फाइल फोटो)
देवरिया जिला जेल में बंद माफिया अतीक अहमद (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: इसी 7 दिसंबर को डाइनामाइट न्यूज़ ने माफिया अतीक अहमद पर बड़ा खुलासा- देवरिया जिला जेल से खुलेआम चला रहा है.. जमीन कब्जाने, रंगदारी और वसूली का नंगा खेल नाम के शीर्षक से एक खोजी खबर प्रकाशित की थी। यह खबर बताने के लिए काफी थी कि कैसे योगी आदित्यनाथ के राज में यूपी के माफिया और गुंडे जेल के अंदर से अपनी काली सल्तनत बेखौफ चला रहे हैं। 

मामला राज्य के आला अफसरों के संज्ञान में होने के बाद भी अतीक पर कोई शिकंजा नही कसा जा रहा है जिससे लगातार उसका मन बढ़ता जा रहा है। कुछ महीने पहले उसने मुंबई के एक कारोबारी आशिफ सिद्दीकी से दस करोड़ की रंगदारी मांगी थी जिसका आडियो डाइनामाइट न्यूज़ पर प्रसारित हुआ था। इसके बाद 22 नवंबर को इसके गुर्गों ने दूसरी वारदात को अंजाम दिया और जमीन कब्जाने को लेकर इलाहाबाद के तीन व्यक्तियों जैद खालिद, उमैश अहमद और अभिषेक पांडेय को जेल के अंदर टांग कर पिटवाया था। बुरी तरह पिटाई के शिकार इन तीनों का कई दिनों तक अस्पताल में इलाज चला।

अब अतीक का तीसरा कांड सुनकर आप दांतो तले अंगुली दबा लेंगे। बीते 26 दिसंबर को लखनऊ के रियल एस्टेट के एक बड़े कारोबारी मोहित जायसवाल का इसने अपने गुर्गों के माध्यम से फार्च्यूनर गाड़ी (यूपी32जेआर-1804)  समेत अपहरण करा लिया फिर उसे देवरिया जिला जेल में अतीक के सामने पेश किया गया। यहां पर अतीक ने जमकर इस कारोबारी की पिटाई जेल के पुराने कैदियों (पक्कों) से करवायी। बताया जाता है कि पिटाई से कारोबारी के दायें हाथ की कई अंगुलियां टूट गयी हैं। उसे बेरहमी से डंडों से पीटा गया। मोहित के कुल्हे में जबरदस्त चोट आय़ी है।

डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक अतीक इस कारोबारी का दो साल से शोषण कर रहा था और रंगदारी के नाम पर अब तक 75 लाख रुपये की वसूली कर चुका है। इस बीच अतीक व इसके लड़कों की काली नजर कारोबारी की जमीनों और कंपनियों पर गड़ गयी। अतीक के गुर्गों फारूक व जकी अहमद ने मोहित के गोमतीनगर स्थित रियल एस्टेट के कार्यालय पर भी अपना कब्जा कर लिया है। इससे भी जब जी नही भरा तोअतीक ने दर्जनों बार जेल से फोन काल कर मोहित को धमकाया कि जमीनों और कंपनियों को उसके आदमियों के नाम करे। 

खबर ये भी है कि जेल की बैरक के अंदर मोहित से रिवाल्वर की नोक पर उसकी पांच कंपनियों का मालिकाना हक का ट्रांसफर भी अतीक ने अपने आदमियों के नाम करा लिया है और कई सादे कागजातों पर भी दस्तखत आदि करवाये और फार्च्यूनर गाड़ी की चाभी छीनकर यह कहते हुए भगा दिया कि जेल है इसलिए बच रहे हो नही तो यही जान से मार देते। बताया जा रहा है कि एमजे इंफ्रा हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, एमजे इंफ्रा ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड, एमजे इंफ्रा लैंड, एलएलपी और एमजे इंफ्रा एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को अतीक ने अपने गुर्गों फारूक व जकी अहमद के नाम कराया है। यही नही व्यापारी और उसकी बहन आरती के फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर भी तैयार कराये गये हैं।

 

इसी देवरिया जिला जेल में पीटा गया कारोबारी मोहित को

 

मोहित को बैरक में ही डंडों से से पीटा गया। उनके कूल्हे पर गंभीर चोट आई है व दाहिने हाथ की दो उंगलियां टूट गईं। इसके बाद अतीक ने धमकाकर मोहित की कंपनी एमजे इंफ्रा हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, एमजे इंफ्रा ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड, एमजे इंफ्रा लैंड, एलएलपी और एमजे इंफ्रा एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को अपने गुर्गों फारूक व जकी अहमद के नाम ट्रांसफर करवा लिया। 

पिटाई के बाद डरा-सहमा अपहृत कारोबारी किसी तरह जान बचाकर लखनऊ पहुंचा और फिर कृष्णानगर कोतवाली में गुहार लगाई तब जाकर अतीक अहमद, उसके बेटे उमर सहित दर्जन भर के खिलाफ पुलिस ने एफआईआऱ दर्ज की है। 

ठीक कर देंगे- प्रमुख सचिव (गृह)

इस वारदात के बारे में जब डाइनामाइट न्यूज़ ने जेल महकमा संभालने वाले राज्य के प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार से पूछा तो उन्होंने कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है और इसमें एफआईआऱ दर्ज कर ली गयी है और दो अपराधियों की गिरफ्तारी भी हो गयी है, शेष के लिए दबिश दी जा रही है। जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या इतनी सी कार्यवाही काफी है? क्या जिस अतीक पर पहले से ही 50 से अधिक मुकदमें हो वह इस एफआईआर के बाद कोई रंगदारी-वसूली का काम नही करेगा तो उन्होंने जवाब दिया कि "उसे ठीक कर देंगे।"

ये जवाब दिया यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने

डाइनामाइट न्यूज़ ने अतीक की अंधेरगर्दी के बारे में राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह से जब सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि प्रकरण गंभीर है और हम अतीक अहमद को देवरिया जेल से स्थानांतरित करने जा रहे हैं। इस मामले में प्रभावी कार्रवाई की जायेगी जो बहुत जल्द दिखेगा। जब उनसे सवाल पूछा गया कि कैसे जेल के अंदर अतीक का दरबार सजाता है? कैसे अपनी बैरक में जब-जी चाहे बाहरी लोगों को बुलवा लेता है और इसमें अब तक कोई कार्रवाई जेल के अफसरों पर क्यों नही की गयी जबकि सारा मामला अफसरों के संज्ञान में है तो इस पर डीजीपी ने कहा कि जेल मेरे अंडर में नही आती इसका जवाब आपको प्रमुख सचिव (गृह) दे सकते हैं। 

कड़ी दंडात्मक कार्रवाई होगी- एडीजी (जेल)

इस बारे में राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कारागार) चन्द्र प्रकाश ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि मैंने मामले की जांच के लिए गोरखपुर के वरिष्ठ जेल अधीक्षक को भेजा है और उनसे रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में देवरिया के जेल अधीक्षक की भूमिका की जांच के बाद कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करुंगा।

अतीक का बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

1. यह सीएम के गोरखपुर निवास से महज 50 किमी की दूरी पर स्थित गोरखपुर की जेल में बंद है। इसे यहां से फतेहगढ़ की जेल में कई बार स्थानानंतरित करने के लिए शासन में लिखा-पढ़ी हुई लेकिन इसकी जेल नही बदली।

2. डाइनामाइट न्यूज़ को नाम न छापने की शर्त पर कुछ उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सरकार के अंदर बैठे दो-तीन अत्यंत प्रभावशाली नेता अतीक के संरक्षणदाता हैं। जिनके दम पर यह जेल के अंदर से एक के बाद एक वारदातों को अंजाम दे रहा है और किसी में इतनी हिम्मत नही जो इसे रोक सके।

3. अतीक रोजाना घर के माफिक देवरिया जिला जेल में अपना दरबार लगाता है और यहीं से अपने काले-कारनामों को अंजाम देता है।

4. रोजाना बाकायदे इसके शरीर की जेल में तेल-मालिश होती है और खाने को तरह-तरह के पकवान बनते हैं।

5. मोबाइल पर धड़ल्ले से बेखौफ वसूली व रंगदारी की बात होती है। 

6. अपने शिकारों की पिटाई का यह वीडियो मोबाइल से बनवाता है और फिर उसे दिखाकर दूसरे लोगों को डरा-धमका अपने रंगदारी व जमीन कब्जाने के धंधे को बेखौफ अंजान देता है।

7. अतीक के साथ हर समय आधा दर्जन लंबरदार (पुराने मनबढ़ कैदी) सफारी सूट पहने रहते हैं, जो बाहर से लाये शिकारों की धुनाई-पिटाई करते हैं और वीडियो बनाते हैं। 

अब तक जेल विभाग क्यों रहा मौन? क्या किसी बड़े हादसे का है इंतजार?

सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यहां पर यह उठता है कि डाइनामाइट न्यूज़ पर लगातार यूपी के इस सबसे बड़े गुंडे के काले राज को खोला जा रहा है और सूबे के आला-अफसर हर बातों से वाकिफ हैं फिर भी अब तक क्यों नही अतीक पर शिकंजा प्रभावी कसा गया? क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है? मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या और रायबरेली जिला जेल कांड के बाद भी कोई सबक सीखा नही जा रहा है। आखिर अब तक तीन बड़ी वारदातें सामने आ चुकी हैं फिर भी यह किसी को नही पता कि देवरिया जेल के अफसरों के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की गयी? कैसे वक्त-बेवक्त अतीक से मिलने कोई भी जेल के अंदर उसकी बैरक में पहुंच जा रहा है? क्या इसमें जेल अधिकारियों की कोई मिलीभगत नही?

तीन तो जानकारी में लेकिन हकीकत और भी चौंकाने वाली

देवरिया जेल के सूत्रों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि ये तीन तो वारदातें तो महज उदाहरण भर हैं अतीक जेल के अंदर से रंगदारी, वसूली, अपहरण और जमीन-जायजाद और कंपनियों को हड़पने के अनगितन कांड कर चुका है लेकिन शासन-प्रशासन की चुप्पी की वजह से कोई अतीक के खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नही है।  

कार्रवाई के नाम पर महज खाना-पूर्ति

अतीक के खिलाफ कार्रवाई का साहस न तो राज्य सरकार में दिखता है और न ही आला-अफसरों में। जब 7 दिसंबर को डाइनामाइट न्यूज़ ने माफिया अतीक अहमद पर बड़ा खुलासा- देवरिया जिला जेल से खुलेआम चला रहा है.. जमीन कब्जाने, रंगदारी और वसूली का नंगा खेल नाम के शीर्षक से एक खोजी खबर प्रकाशित की गयी तो महज खाना-पूर्ति के नाम पर यूपी पुलिस ने देवरिया के एसपी से इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई को कहा था। यदि 22 नवंबर के मामले में कायदे से कार्रवाई की गयी होती तो 26 दिसंबर की घटना घटती ही नही। 

 










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